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Hindi News मध्य-प्रदेश HIV पीड़ित महिला की जिला अस्पताल के शौचालय में हुई डिलेवरी, डॉक्टरों को खबर तक नहीं

HIV पीड़ित महिला की जिला अस्पताल के शौचालय में हुई डिलेवरी, डॉक्टरों को खबर तक नहीं

मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक एचआईवी पीड़ित महिला की शाजापुर के जिला अस्पताल के शौचालय में डिलेवरी हो गई। हैरानी की बात ये है कि डॉक्टरों को ये पता तक नहीं था कि महिला एचआईवी पॉजिटिव है।

Shajapur district hospital- India TV Hindi Image Source : INDIA TV शाजापुर के जिला अस्पताल की व्यवस्था पर सवालिया निशान

मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक हैरान करने वाली खबर आई है। यहां जिला अस्पताल में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे अस्पताल प्रबंधन पर ही सवाल उठा दिए हैं। जानकारी मिली है कि शाजापुर में एक एचआईवी पीड़ित महिला की शौचालय में डिलेवरी हो गई। खास बात यह है कि अस्पताल में महिला को पहले भर्ती कर लिया गया था और डाक्टर व मेडिकल स्टाफ को ये पता तक नहीं था कि महिला एचआईवी पीड़ित है। ऐसे में HIV पीड़ित लोगों के इलाज और डिलेवरी में रखी जाने वाली कोई भी सावधानी का पालन नहीं किया गया। 

जिला अस्पताल आरएमओ ने दी सफाई
जब ये बात पता लगी कि महिला एचआईवी पीड़ित है तो उसके संपर्क में आए डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी व अन्य लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया। वहीं दूसरी ओर अस्पताल में भर्ती महिला की शौचालय में डिलेवरी हो जाने से यहां की व्यवस्थाओं पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। वहीं इस मामले में जिला अस्पताल आरएमओ डॉ. सचिन नायक ने  बताया कि महिला को ट्रामा सेंटर के मेटरनिटी वार्ड में भर्ती किया गया था। लेकिन वह वहां नहीं रुकी और पुरानी बिल्डिंग की ओर चली गई। जहां शौचालय में उसकी डिलेवरी हुई है। 

महिला के संपर्क में आए डाक्टरों को लगेगी वैक्सीन
शाजापुर जिला अस्पताल के RMO ने आगे बताया कि डिलेवरी के बाद पता चला है कि महिला एचआईवी पीड़ित है। ऐसे में महिला और शिशु को अलग वार्ड में रखा गया है। साथ ही एचआईवी पीड़ित मरीज से जुड़े प्रोटोकाल अनुसार सावधानी रखकर उपचार किया जा रहा है। महिला के संपर्क में आए डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को एचआईवी संक्रमण से सुरक्षा के लिए टीकाकरण कराया जाएगा।

कागज पर हो रहे एक्सरे
वहीं इससे कुछ दिन पहले शाजापुर के जिला अस्पताल से ही ये खबर आई थी कि यहां एक्सरे फिल्म पर नहीं बल्कि पेपर पर किया जाता है। मजबूरी में मरीज कागज पर एक्सरे की रिपोर्ट निकलवाते हैं और यही रिपोर्ट डॉक्टर देखकर इलाज भी करते हैं। जब इस लापरवाही को लेकर अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट से पूछा गया तो उसने बताया कि एक्सरे की फिल्म काफी महंगी आती है और कई साल से सरकार ने इसके लिए बजट ही नहीं दिया।

(रिपोर्ट- विनोद जोशी)

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