कांग्रेस के पूर्व मंत्री के स्कूल में छात्रा को मिल रही 'धर्म' की सजा, प्राचार्य बोले- मुस्लिम विद्यालय में हिंदू लड़की को एडमिशन नहीं
मध्य प्रदेश के सतना से एक अजीब मामला सामने आया है। दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रह चुके कांग्रेस नेता जिस एहसानिया स्कूल के चेयरमैन हैं वहां एक हिंदू लड़की को दाखिला देने से मना कर दिया है।
सतना: दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रहे सतना के कांग्रेस नेता सईद अहमद के एहसानिया स्कूल में एक हिंदू बालिका को दाखिला देने से मना कर दिया गया है। आरोप है कि धर्म के आधार पर 6 साल की बच्ची को विद्यालय में प्रवेश देने से प्रबंधन परहेज कर रहा है और कहा जा रहा है कि लड़की हिंदू है, इसलिए उसे मुस्लिम स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाएगा। हालांकि बच्ची को पहली कक्षा में एडमिशन चाहिए था पर नहीं मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की गई है। अब इस मामले में डीईओ ने डीपीसी को जांच के निर्देश देते हुए तीन दिनों में प्रतिवेदन मांगा है।
बच्ची की मां ने जिला शिक्षा अधिकारी को दी शिकायत
जानकारी मिली है कि जिला शिक्षा अधिकारी सतना नीरव दीक्षित को 6 साल की छात्रा की मां सोनू उर्फ चंद्रवती गुप्ता द्वारा दी गई शिकायत में लिखा है कि सतना की मोहम्मदिया एहसानिया जूनियर हायर सेकंडरी स्कूल प्रबंधन पहली कक्षा में बेटी के दाखिले के लिए बीते चार महीनों से भटका रहा है लेकिन अभी तक स्कूल में प्रवेश देने की बजाए चक्कर कटवाए जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी को दी शिकायत में स्कूल के प्राचार्य नियाज खुर्रम के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। अपनी शिकायती में मां सोनू ने बताया कि प्राचार्य नियाज खुर्रम के आश्वासन पर उन्होंने बेटी के लिए किताबे, बस्ता और स्कूल की यूनिफार्म भी खरीद ली थी। प्राचार्य के कहने पर ही उन्होंने संस्था के सचिव अनीश अहमद बाबा को भी प्रवेश संबंधी लिखित में आवेदन भी दिया था। आवेदन के साथ मां ने बच्ची की जिला अस्पताल से जारी जन्म प्रमाण पत्र की ओरीजिनल कॉपी भी लगाई थी।
"मुस्लिम स्कूल में हिंदू बालिका का एडमीशन नहीं"
छात्रा की मां सोनू गुप्ता के अनुसार 14 अगस्त को प्राचार्य नियाज अहमद और सचिव अनीश अहमद ने यह कहकर दाखिला देने से इंकार कर दिया कि मुस्लिम स्कूल में हिंदू बालिका का एडमीशन नहीं हो सकता है। जबकि नियमों पर डीपीसी (जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक) विष्णु त्रिपाठी के मुताबिक किसी भी बच्चे को उसके शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। अगर, ऐसा किया जा रहा है तो यह अपराध है।
डीपीसी ने बताया कि जहां तक दस्तावेजों का सवाल है तो पहली कक्षा में दाखिले के लिए जन्म प्रमाण पत्र पर्याप्त है। छात्र-छात्रा के पालक से शपथ पत्र लेकर दाखिला किया जा सकता था। वहीं यदि जन्म प्रमाण पत्र भी नहीं होता, अभिभावक शपथ पत्र नहीं देता तो भी स्कूल में बच्चे को उम्र के आधार पर प्रवेश दिया जाना चाहिए था। बच्ची के अन्य रिकार्ड आधार कार्ड और समग्र आईडी की जरुरत मैपिंग में पड़ती है। प्रवेश के समय अति अनिवार्य नहीं है।
कांग्रेस नेता सईद अहमद स्कूल के चेयरमैन
बता दें कि सतना की मोहम्मदिया एहसानिया जूनियर हायर सेकंडरी स्कूल की स्थापना के बाद से एक ही परिवार के लोग इसके चेयरमैन रहे हैं। मप्र के दिग्गज कांग्रेसी और हिमाचल के पूर्व राज्यपाल दिवंगत बैरिस्टर गुलशेर अहमद पहले इसके चेयरमैन थे फिर उनके देहांत के बाद से उनके बेटे और दिग्विजय सरकार के पूर्व मंत्री सईद अहमद इस स्कूल के चेयरमैन हैं। हालांकि डीईओ सतना नीरव दीक्षित ने इस मामले में कहा है कि शिकायत आई है और इसकी जांच के लिए डीपीसी को निर्देश हैं जो तीन दिन में रिपोर्ट देंगे।
(रिपोर्ट- अमित त्रिपाठी)
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