कोरोना वैक्सीन को लेकर भोपाल से फतवा जारी, कहा गया- इलाज करवाना सुन्नत है
भोपाल के शहर मुफ़्ती ने मुस्लिम समाज के लिए कोरोना वैक्सीन को लेकर फतवा जारी किया है। फतवे में समाज को बताया है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने में कोई बुराई नहीं है, इलाज करवाना सुन्नत है।
भोपाल। कोरोना वेक्सीन को लेकर भोपाल से फतवा जारी किया गया है। ऐसे में जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है, कोरोना की वैक्सीन को लेकर मुस्लिम समाज में तमाम तरह के सवाल हैं। भोपाल के शहर मुफ़्ती ने मुस्लिम समाज के लिए कोरोना वैक्सीन को लेकर फतवा जारी किया है। फतवे में समाज को बताया है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने में कोई बुराई नहीं है, इलाज करवाना सुन्नत है और बतौर इलाज वैक्सीन लगवाने में कोई हर्ज नहीं है और जान की हिफाजत जरूरी है। बता दें कि, भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी धर्म गुरुओं से कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील की थी।
भले ही पूरी दुनिया में कोरोना ने कोहराम मचा रखा हो। लाखों लोगों की जान चली गई हो लेकिन इससे बचाने वाली वैक्सीन के इस्तेमाल को भी लोग धार्मिक चश्मे से देखते नजर आ रहे हैं। मुस्लिम समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस वैक्सीन को जायज नहीं समझते, इसलिए वैक्सीन लगवाने से कतराते नजर आते हैं। ऐसे में भोपाल में मुस्लिम समाज के लिए शहर मुफ़्ती ने बाकायदा फतवा जारी कर समाज को संदेश दिया है कि जरूरत के वक्त कोरोना वैक्सीन लगवाने में कोई बुराई नहीं इलाज करवाना सुन्नत है।
नायाब मुफ़्ती रईस अहमद खान कासमी बताते हैं कि हमसे सवाल पूछा गया कि क्या वैक्सीन लगवाना चाहिए जिसके जवाब में हमने बताया कि जरूरत के वक्त लगवाई जा सकती है। दरअसल, कोरोना वैक्सीन को लेकर मुस्लिम समाज में तरह-तरह के सवाल हैं, इसलिए वो वेक्सीन लगवाने से बचते नजर आ रहे हैं। वहीं फिर भी कुछ मुस्लिम भाई कोरोना वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। एक कह रहा है जिन्होंने वैक्सीन लगाई है उसके बाद भी कोरोना हो गया है।
शुरुआत से ही सोशल मीडिया और अन्य तरह से मुस्लिम समाज में ये अफवाह फैलाई गई कि इस्लामी शरीयत के मुताबिक कोरोना वैक्सीन जायज नहीं है, ये हलाल नहीं है। यही वजह रही कि मुस्लिम समाज कोरोना वैक्सीन से दूर नजर आ रहा है। हालांकि, अब फतवे के बाद लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हुए हैं।
शहर मुफ्ती द्वारा दिए गए इस फतवे की वजह रही भोपाल शहर सर्किल के एसडीएम और वक्फ बोर्ड के सीईओ जमील खान का एक सवाल, जिसे उन्होंने दारुल इफ्ता जैरे एहतेमाम मस्जिद कमेटी काज़ियत से पूछकर फतवा मांगा था, जिसमें उन्होंने 2 सवाल किए थे कि कोरोना वैक्सीन लगवाने का शरई हुकुम क्या है? सेहत की हिफाजत के लिए कोरोना का वैक्सीन बतौर इलाज लगवाना कैसा है, इसके जवाब में शहर मुफ़्ती के फतवे ने मुस्लिम समाज की भ्रांतियां दूर कर दी। भोपाल कलेक्टर मानते हैं सरकार और प्रशासन ने धर्म गुरुओं से बात की थी ऐसे में यह फतवा जागरूकता फैलाने की दिशा में एक अच्छा कदम है। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान की तमाम धर्मों के धर्म गुरुओं से की गई अपील के बाद भोपाल शहर काजी समेत तमाम मुस्लिम धर्म गुरु भी कोविशील्ड वेक्सीन लगवाते नजर आए थे। समाज का एक बड़ा तबका अब भी कोरोना वैक्सीन को लेकर तमाम सवालों के घेरे में है और कोरोना वैक्सीन लगवाने से बचता नजर आ रहा है। ऐसे में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा वैक्सीन लगाए जाने के बाद लोगों के मन से कोरोना की वैक्सीन का डर खत्म होते हुए भी दिखाई दे रहा है।