भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मंगलवार को खरगोन हिंसा से जुड़ा एक ट्वीट करने पर FIR दर्ज की गई। भोपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिग्विजय सिंह पर संवेदनशील मुद्दे पर विवादित ट्वीट के बाद धार्मिक उन्माद फैलाने और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की। वहीं, बिहार के वीडियो को खरगोन हिंसा का बताकर ट्वीट करने को लेकर खुद पर FIR दर्ज होने पर दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का 3 साल पुराना ट्वीट खोज निकाला और उनके ऊपर FIR दर्ज करने की मांग की।
दिग्विजय ने कहा, कानून की अलग-2 व्याख्या नहीं हो सकती
दिग्विजय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर हैंडल से 16 मई 2019 को पोस्ट किए गए 'फेब्रिकेटेड वीडियो' के मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग करते हुए पुलिस कमिश्नर भोपाल और श्यामला हिल्स थाने को पत्र भेजा है। दिग्विजय ने पत्र में लिखा है, 'कानून की अलग-अलग व्याख्या नहीं हो सकती, अपराध सामान्य नागरिक करे या मुख्यमंत्री मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए। यह चौहान का एक आपराधिक कृत्य है। मैं इस पत्र के साथ सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर पोस्ट किये गये वीडियो को संलग्न कर भेज रहा हूं।'
शिवराज का पुराना ट्वीट
‘चौहान ने राहुल गांधी के भाषण के साथ छेड़छाड़ की’ दिग्विजय ने पत्र में लिखा, ‘एक वरिष्ठ राजनेता और मध्य प्रदेश के 4 बार मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के तात्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी द्वारा मंदसौर में दिये गये भाषण के साथ छेड़छाड़ की और प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ जननेता का फेब्रिकेटेड वीडियो बनाकर आपराधिक साजिश किया है। चौहान ने एडिटेड वीडियो बनाकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी सहित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा जैसे पिछडा वर्ग के वरिष्ठ नेताओं का मजाक बनाते हुए उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुचाई थी।’
‘इस तरह वीडियो से छेड़छाड़ करना अपराध की श्रेणी में आता है’
दिग्विजय ने लिखा, ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मूल वीडियो मैं इस पत्र के साथ पेन ड्राइव में संलग्न कर प्रेषित कर रहा हूं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर अकाउन्ट पर आज भी यह वीडियो देखा जा सकता है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह वीडियो से छेड़छाड़ करना अपराध की श्रेणी में आता है। प्रदेश में कानून सबके लिए बराबर है। वह प्रदेश का आम नागरिक हो या मुख्यमंत्री के पद पर बैठा राजनेता हो। प्रदेश में वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर मूल वीडियो से छेड़ कर वीडियो बनाकर पोस्ट करने के मामले में थानों में और प्रकरण दर्ज किये गये है।’
‘शिवराज के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश देने का कष्ट करें’
दिग्विजय ने लिखा, ‘मेरा इस पत्र के माध्यम से आपसे अनुरोध है कि सोशल मीडिया पर फेब्रिकेटेड वीडियो और असत्य टिप्पणी पोस्ट करने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरुद्ध आई.टी. एक्ट के तहत साइबर क्राइम एवं आई.पी.सी. की सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश देने का कष्ट करें। सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूंगा।’
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर कई धाराओं में दर्ज हुआ था केस
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बिहार के एक वीडियो को खरगोन हिंसा का वीडियो बताकर ट्वीट किया था, जिसके बाद हालांकि दिग्विजय सिंह ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन बावजूद इसके दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री विश्वास सारंग, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा समेत तमाम बीजेपी नेताओं ने दिग्विजय सिंह को घेरना शुरू किया, जिसके बाद भोपाल क्राइम ब्रांच थाने में दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 58/22 , u/s 153A(1), 295A,465 505(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।