दिग्विजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, राहुल गांधी की तरह जा सकती है संसद सदस्यता, जानिए पूरा मामला
नरोत्तम मिश्रा ने कहा दिग्विजय सिंह जानबूझकर इस तरीके की बात बोलते हैं जिससे वह सुर्खियों में आए,चर्चा में आए। चाहे दिग्विजय सिंह हो या राहुल गांधी दोनों की बातों में वजन नहीं है।
भोपाल: कांग्रेस सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अब राहुल गांधी की तरह ही मुश्किलों में फंस गए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के खिलाफ साल 2014 में दिए गए बयान के चलते उन पर भोपाल कोर्ट में मानहानि के चल रहे मुकदमे मामले में धारा 499 और धारा 500 के तहत आरोप तय कर दिए गए हैं। अब इस मामले की सुनवाई 1 जुलाई को होगी। दरअसल 2014 में दिग्विजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बीडी शर्मा जो उस वक्त एबीवीपी के महामंत्री थे के खिलाफ एक बयान देते हुए कहा था कि उनके द्वारा आरएसएस और व्यापम के बीच में बिचौलिए का काम किया गया है। जिसके खिलाफ वीडी शर्मा ने कोर्ट में दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस किया।
राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह गुरु चेला- नरोत्तम मिश्रा
इस मामले पर वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कोर्ट इस मामले में तय करेगा। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा, "राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह गुरु चेला हैं। जैसे चेले पर आरोप लगे हैं वैसे ही गुरु पर आरोप लगे हैं। हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं,हम व्यक्तिगत तौर पर उम्मीद कर सकते हैं कि जब धारा एक है, विषय के आरोप एक है और गलती भी एक है तो निश्चित रूप से फैसला भी एक ही होगा।"
दिग्विजय सिंह जानबूझकर इस तरीके की बात बोलते हैं- नरोत्तम मिश्रा
नरोत्तम मिश्रा ने कहा दिग्विजय सिंह जानबूझकर इस तरीके की बात बोलते हैं जिससे वह सुर्खियों में आए,चर्चा में आए। चाहे दिग्विजय सिंह हो या राहुल गांधी दोनों की बातों में वजन नहीं है। यही वजह है इस दिग्विजय सिंह की कभी बड़ी आमसभा नहीं होती क्योंकि लोग उन्हें सुनने नहीं आते। दिग्विजय सिंह हो या राहुल गांधी इसलिए अपनी बात को वजनदार बनाने के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और झूठे अनर्गल आरोप लगाते हैं।
ऐसे ही मामले में गई थी राहुल की सदस्यता
वहीं वी डी शर्मा के वकील सचिन वर्मा के मुताबिक न्यायालय ने मामले को सही पाते हुए मामले को पंजीबद्ध कर लिया है। धारा 499 और 500 आईपीसी के तहत चार्ज फ्रेम कर दिया गया है। दिग्विजय सिंह ने चार्जेस को Deny किया है इसलिए ट्राईल चलेगा। सचिन वर्मा के मुताबिक इस मामले में दिग्विजय सिंह को 2 साल की सजा हो सकती है। अगर दिग्विजय सिंह को 2 साल की सजा होती है तो उनकी राज्यसभा की सदस्यता भी जा सकती है। दरअसल इसी धारा 500 के तहत राहुल गांधी को सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट में 2 साल की सजा सुनाई गई थी जिसके चलते उनकी संसद सदस्यता भी चली गई थी। ऐसे में माना जा सकता है कि दिग्विजय सिंह के लिए भी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है।