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मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी के संकेत, बैठक में शामिल नहीं हुए दिग्विजय सिंह और कमलनाथ

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में मिली हार का विश्लेषण करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को दो दिनों के लिए मध्य प्रदेश भेजा गया था। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की इस बैठक में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे।

Digvijay Singh and Kamal Nath did not attend the meeting OF FACT FINDING committee Madhya Pradesh Co- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO दिग्विजय सिंह और कमलनाथ

लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। राज्य की सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। साथ ही कांग्रेस को सभी सीटों पर मुंह की खानी पड़ी। इस हार को लेकर कांग्रेस में अब भी मंथन जारी है। केंद्र से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को हार के कारणों का विश्लेशण करने के लिए मध्य प्रदेश भेजा गया था। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ गैरमौजूद रहें। इसके बाद से अब कांग्रेस में गुटबाजी की खबर सामने आने लगी है। पूर्व मंत्री और विधायक लखन घनघोरिया ने बयान देते हुए कहा, बैठक में आए नेताओं के नेता हैं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी से नेताओं ने बनाई दूरी

घनघोरिया के बयान पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हम मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी के लोग हैं। भले ही कोई नेता किसी का हो सकता है। हम कांग्रेस के हैं। वहीम रामनिवास रावत के भाजपा में जाने को लेकर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस महासमुद्र है। दो चार लोग चले जाए तो इससे फर्क नहीं पड़ने वाला है। दिग्विजय सिंह, नकुलनाथ, कमलनाथ की गैर मौजूदगी को उन्होंने निजी व्यस्तता बताया और कहा कि वे विदेश दौरे पर गए हैं। दरअसल शनिवार को कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक करने के बाद हार के कारणों का विश्लेषण करना था।

पार्टी में भीतरघात और गुटबाजी के संकेत

इसी बैठक से पार्टी के दिग्गज नेताओं ने किनारा कर लिया, जिसके बाद से यह सवाल उठने लगे कि कांग्रेस में गुटबाजी हो रही है। बता दें कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने इस बैठक से दूरी बना ली। हालांकि ये ही नेता चुनाव के पहले बनाई गई पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सदस्य थे। बता दें कि कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग टीम को दो दिन के लिए मध्य प्रदेश भेजा गया था। इस कमेटी ने लोकसभा चुनाव में खड़े हुए सभी 27 प्रत्याशियों से बातचीत की। इन्होंने हार की वजह दल बदल, संगठन, भीतरघात और टिकट बंटवारे में देरी को बताया है।