MP News: एमपी के धार में बांध के रिसाव के चलते पूरी सरकार और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं क्षेत्र की जनता दहशत में है। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने माना है कि बांध के रिसाव मामले में ठेकेदार की गंभीर गलती है। दोषियों पर कार्रवाई जरूर होगी। दरअसल, मध्य प्रदेश का धार जिला खतरनाक त्रासदी के मुहाने पर है। धार जिले के धरमपुरी तहसील में भरुड़पूरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर 304 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे डैम के फटने का खतरा पैदा हो गया है। धार डैम में लीकेज के बीच सेना ने मोर्चा संभाला है। एनडीआरएफ की 3 और एसडीआरएफ की 8 टीमें जुटीं। सेना की मदद से रिसाव को रोकने की कोशिश की जा रही है। वहीं एयरफोर्स् के दो हेलिकॉप्टर विकल्प के तौर तैयार रखे गए हैं।
खतरे से निपटने के लिए किए जा रहे ये उपाय
धार जिले के धरमपुरी तहसील में भरुड़पूरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर 304 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे डैम के फटने का खतरा पैदा हो गया है। इस खतरे के बीच आठ घंटे से लगातार JCB की मदद से डेम के दोनों और दो चेनल्स से पानी निकाला जा रहा है। अभी डेम में 15mcm पानी है। सरकार का मकसद है कि इसे 10 mcm तक लाया जाए। पहले रिसाव 296 मीटर पर दिखा था, जबकि डेम की ऊंचाई लगभग 500 मीटर है। अब 296 मीटर तक दोनों चेनल की खुदाई होगी। उसके बाद डेम के फ्रंट सोर्स खोले जाएंगे। पानी का स्तर 11 मीटर कम किया जाएगा ताकि फोर्स और वेलोसिटी से डेम डेमेज न हो।
इस डैम से 42 गांवों को सिंचाई में फायदा मिलता: जलसंसाधन मंत्री
इस बारे में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री ने इंडिया टीवी से विशेष बातचीत में माना स्थिति गंभीर है। 304 करोड़ की लागत से बने इस बांध की 2016 में स्वीकृति हुई थी। 42 गांव में करीब 10500 हेक्टेयर में बांध के पानी से सिंचाई में फायदा होता। लेकिन कल बरसात बहुत हुई जिसके कारण यह स्थिति बनी है। अभी हम दो चैनलों से पानी निकाल रहे हैं, पानी का जो प्रेशर है वह कम हो जाए ताकि बांध सलामत रहे। अभी स्थिति नियंत्रण में है मैंने निर्देश दिए कि इसकी पूरी जांच हो और कोई भी अधिकारी हो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जांच के लिए टीम बनाई, 3 दिन में सरकार को देगी रिपोर्ट
मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कल रात से जब से रिसाव हुआ है तब से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निरंतर पल-पल की खबर ले रहे है। वहीं हमने धार के 12 गांव की जनता को सुरक्षित स्थान पर धर्मशाला स्कूल छात्रावास में भेज दिया है। इस मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बना दी है जो 3 दिन में सरकार को रिपोर्ट देगी उसमें जो भी दोषी होगी उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
ठेकेदार का सही आकलन न कर पाने से आई समस्या: सिलावट
वहीं शुक्रवार सुबह से घटनास्थल पर मौजूद औद्योगिक नीति और निवेश संवर्धन मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने इंडिया टीवी को बताया कि डैम पूरा नहीं बना था। काम अभी भी चल रहा था, लेकिन प्रारंभिक जांच में ठेकेदार को जिस समय सीमा में काम करना था तो उस समय सीमा में काम नहीं कर पाया। हमारे डिपार्टमेंट के सभी इंजीनियरों के तमाम निर्देशों के बावजूद कि मानसून आ रहा है आप रिसोर्सेज मोबिलाइज कीजिए, काम की गति तेज कीजिए, लेकिन ठेकेदार उसे कैलकुलेट नहीं कर पाया। इसके चलते उससे गलती हुई। ठेकेदार ढंग से काम नहीं पाया उसकी गंभीर गलती है। उसे अगस्त में काम पूरा करना था। बड़ा नुकसान होना था लेकिन हम ने बचा लिया है।