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Hindi News मध्य-प्रदेश 94 मूर्तियां, शंख, 1700 अवशेष... धार भोजशाला में हिंदू मंदिर के सबूत मिल गए? ASI सर्वे रिपोर्ट में बड़े खुलासे

94 मूर्तियां, शंख, 1700 अवशेष... धार भोजशाला में हिंदू मंदिर के सबूत मिल गए? ASI सर्वे रिपोर्ट में बड़े खुलासे

धार जिले स्थित एसआई द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी के स्मारक भोजशाला को हिंदू समाज द्वारा वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर माना जाता है। जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद कहता आया है।

dhar bhojshala- India TV Hindi Image Source : PTI धार स्थित भोजशाला का ASI की टीम ने सर्वे किया है।

मध्य प्रदेश में इस पर एक बार फिर सियासी मुकाबला छिड़ सकता है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने आज धार जिले में स्थित भोजशाला को लेकर अपनी सर्वे रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जमा कर दी है। ASI ने लगातार 98 दिन भोजशाला का सर्वे किया। 500 मीटर के दायरे का साइंटिफिक सर्वे किया और उसके बाद 2000 पेज की रिपोर्ट फाइल की। अब 22 जुलाई को इस मसले पर सुनवाई होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि 23 साल पहले लागू की गई व्यवस्था को क्या हाईकोर्ट इस रिपोर्ट के आधार पर बदल देगा? इधर हिंदू पक्ष के वकील की ओर से दावा किया गया कि सर्वे के दौरान कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो साबित करता है कि यहां मंदिर था।   

मूर्तिया मिलना मंदिर होने का सबूत?

अपनी रिपोर्ट में ASI ने कहा कि भोजशाला में करीब 97 मूर्तियां मिली हैं। इनमें से 37 मूर्तियां देवी-देवताओं की हैं जबकि बाकी मूर्तियां हिंदू धर्म से जुड़े दूसरी चीजों की हैं। इसके अलावा भी रिपोर्ट में कई सारी ऐसी फाइंडिंग्स हैं, जिससे ये साबित होता है कि भोजशाला पहले मंदिर था लेकिन मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद मानता है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मंदिर में मूर्तियां तो बाद में रखी गई हैं।

क्या कह रहा मुस्लिम पक्ष?

ज़ाहिर है कोई भी पक्ष इस पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है क्योंकि ये केस काफी जटिल है। विवाद अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। अंग्रेजों के शासन के दौरान यहां खुदाई हुई थी। खुदाई में भी मूर्तियां निकलीं लेकिन यहां अधिकार हिंदुओं का हो या मुस्लिमों का ये साफ नहीं हो पाया। अब ASI ने साइंटिफिक सर्वे की रिपोर्ट फाइल की है तो हिंदू पक्ष को उम्मीद है कि भोजशाला का स्वामित्व उन्हें मिलेगा और यहां वो बेरोकटोक पूजा कर सकेंगे। लेकिन मुस्लिम पक्ष का स्टैंड क्लियर है। वो साफ कह रहे हैं कि भोजशाला यानि जिसे वो कमाल मौला मस्जिद कहते हैं, वहां मूर्तियां तो बाद में रखी गईं। मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि ASI को अपनी रिपोर्ट में ये भी बताना चाहिए कि जो मूर्तियां उसे मिलीं हैं, वो किस साल में रखी गईं थीं।

ASI सर्वे में क्या-क्या मिला?

  • वाग्देवी मां सरस्वती, हनुमान जी, शिवजी, गणेश जी, श्रीकृष्ण, ब्रह्मा जी, वासुकी नाग की मूर्तियां मिली 
  • गर्भगृह के पिछले हिस्से में दीवार का ढांचा
  • सीढ़ीयों के नीचे का बंद कमरा
  • 37 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां
  • सनातनी आकृतियों वाले पत्थर मिले
  • ओम नम: शिवाय और सीता-राम की आकृतियां मिली
  • चांदी, तांबे, स्टील के 31 सिक्के मिले

ASI की रिपोर्ट में क्या है?

  1. सर्वे में देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां मिली हैं
  2. पुरातत्व विभाग को 1700 से ज्यादा अवशेष प्राप्त हुए हैं
  3. परमार शासन के दौरान इस्तेमाल चीजें भी मिली हैं
  4. खिड़कियों और खंभों में चार सशस्त्र देवताओं की मूर्तियां
  5. कुछ मूर्तियों को विकृत करने की कोशिश हुई थी

रिपोर्ट के प्वाइंट नंबर 36 में लिखा है कि भोजशाला के दीवारों और खंभों पर भगवान गणेश, ब्रह्माजी, नरसिम्हा और भैरव की मूर्तियां हैं। रिपोर्ट के प्वाइंट नंबर 49 में लिखा है कि यहां पर संस्कृत और प्राकृत भाषा में जो शब्द और मंत्र लिखे गए हैं। वो अरेबिक और पर्शियन से पहले के हैं इससे ये साबित होता है कि संस्कृत और प्राकृत भाषा का इस्तेमाल करने वाले लोग भोजशाला में पहले आए थे। इसी तरह ASI की रिपोर्ट के 22 और 23 में कहा गया है कि जो स्ट्रक्चर बाद में बने हैं वो जल्दबाजी में बनाए गए हैं इसलिए सिमेट्री और डिज़ाइन का ख्याल नहीं रखा गया है। लेकिन जो स्ट्रक्चर पहले का है वो यूनिफॉर्म शेप और हाइट है। इससे ये साबित होता है कि मंदिर का स्ट्रक्चर पहले का है।

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