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Hindi News मध्य-प्रदेश साइबर ठगों के निशाने पर मध्य प्रदेश के कई कलेक्टर, वॉट्सएप पर DP लगाकर मांगी रकम

साइबर ठगों के निशाने पर मध्य प्रदेश के कई कलेक्टर, वॉट्सएप पर DP लगाकर मांगी रकम

अब तक तो आपने आम लोगों के साथ साइबर ठगी की घटनाएँ सुनी होंगी लेकिन एमपी में ठगों के निशाने पर अब कलेक्टर हैं। मध्य प्रदेश में बीते 7 दिनों में 8 कलेक्टरों के नाम पर ठगी की कोशिश हुई है।

मध्य प्रदेश के कलेक्टरों को साइबर ठगों ने बनाया निशाना।- India TV Hindi Image Source : INDIA TV मध्य प्रदेश के कलेक्टरों को साइबर ठगों ने बनाया निशाना।

मध्य प्रदेश में साइबर जालसाजी का अब एक नया ट्रेंड दिखाई दे रहा है। पहले साइबर फ्रॉड करने वाले आम आदमियों के जरिए लोगों को ठगते थे, लेकिन अब उनका निशाना शक्तिशाली लोग बन चुके हैं। एमपी में अब कलेक्टरों के जरिए लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं। वजह भी साफ है, पैसे देने वाला आगे वाले के ऊंचे पद पर बैठे होने पर शक से पूछता भी नहीं और पैसे दे देता है। बीते 7 दिन में साइबर ठगों ने मध्यप्रदेश के 8 कलेक्टरों के नाम पर ठगी करने की कोशिश की है। ये कलेक्टर जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया, शहडोल और शिवपुरी हरदा और अलीराजपुर के हैं।

जबलपुर कलेक्टर के साथ घटना

7 अगस्त को जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के साथ ऐसी ही घटना हुई है। सूत्र बताते हैं कि 7 अगस्त को ठगों ने उनके रिश्तेदार से 25 हजार की ठगी की है। ठगों ने वाट्सएप पर कलेक्टर दीपक की डीपी लगाई। फिर कई रिश्तेदारों को मैसेज किया। झांसे में आकर एक रिश्तेदार ने 25 हजार ट्रांसफर भी कर दिए। दीपक सक्सेना को ठगी का पता चला तो हैरान रह गए। अब किसी भी तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कलेक्टर ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

धार कलेक्टर भी हुए शिकार

7 अगस्त को ही धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम से वाट्सएप पर अकाउंट बनाने का मामला सामने आया है। इसमें अज्ञात व्यक्ति ने कलेक्टर की फोटो लगाकर कुछ मैसेज भी किए हैं। इधर, मैसेज करने की बात जब कलेक्टर मिश्रा तक पहुंची तो फौरन जनसंपर्क के माध्यम से जिले में अलर्ट जारी करवाया।

सिवनी कलेक्टर के नाम पर भी फेक अकाउंट

इसके दो दिन बाद साइबर ठगों का अगला निशाना सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन रहीं, जिनके नाम से फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर उसमें उनकी फोटो के साथ लिखा गया डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और कलेक्टर। इसके बाद परिचितों से पैसों और गिफ्ट की डिमांड की थी। घटना के बाद कलेक्टर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सफाई देनी पड़ी और जिले के नागरिकों से अपील की वो इस तरह के फ्रॉड से सतर्क रहें।

शहडोल कलेक्टर के नाम से फर्जी आईडी

शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर के नाम से भी वाट्सएप में एक फर्जी आईडी बनाई गई। इससे कलेक्टर के नाम पर कुछ लोगों से पैसों की भी डिमांड की गई। इसके बाद कलेक्टर साहब को लोगों से अपील करनी पड़ी कि उनके नाम से फेक आईडी बनी हुई है, जो उनके नाम से लोगों से पैसे मांग रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है।

शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र चौधरी के नाम से भी अकाउंट

इसी दिन यानी 7 अगस्त को शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र चौधरी के नाम से बने फेक वाट्सएप अकाउंट से भोपाल में पोस्टेड शिवपुरी एडीएम रहे विवेक रघुवंशी के पास मैसेज पहुंचा। हाय, हैलो का मैसेज दूसरे वाट्सएप नंबर से मिला तो एडीएम रघुवंशी ने तुरंत ही कलेक्टर चौधरी से उनके व्यक्तिगत नंबर पर संपर्क किया। जब इस बात की जानकारी शिवपुरी कलेक्टर को लगी तो उन्होंने कहा कि उनका दूसरा कोई वाट्सएप अकाउंट नहीं है। मेरे नाम से किसी ने फर्जी अकाउंट बना लिया है। यदि किसी को मैसेज रिसीव होता है तो तुरंत रिपोर्ट करें और नंबर को ब्लॉक कर दें। एक अनजान नंबर से कलेक्टर के नाम और फोटो के साथ वाट्सएप अकाउंट पर श्रीलंका लिखा नंबर दिखाई दिया।

हरदा कलेक्टर के अकाउंट से भी मांगे पैसे

ऐसी कोशिश हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह के नाम लगी फोटो वाले व्हाट्सएप पर भी हुई। श्रीलंका के नंबर से बनाया गया उनका अकाउंट है। लोगों से पैसे मांगने की कोशिश भी हुई लेकिन कलेक्टर ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर स्क्रीनशॉट डालकर लोगो को अलर्ट रहने को सलाह दी।

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