इंदौर. देश में कुछ ही देर में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने वाला है। कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अभी कई लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएं हैं। सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की डोज स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी। मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में इस वैक्सीन की डोज सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मी आशा पवार को दी जाएगी। शुक्रवार को आशा पवार ने कहा कि वह और उनका परिवार इस टीकाकरण को लेकर एकदम निश्चिंत हैं।
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देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 का टीका लगाए जाने के चरणबद्ध अभियान की शुरूआत थोड़ी देर में होने जा रही है। आशा पवार (55) इंदौर जिला चिकित्सालय में आया के रूप में पदस्थ हैं। उन्होंने कहा, "जब मुझसे पूछा गया कि क्या मैं कोविड-19 का टीका लगवाना चाहती हूं, तो मैं इसके लिए तुरंत तैयार हो गई। इस टीके को लेकर मैं और मेरा परिवार एकदम निश्चिंत है।"
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अधिकारियों ने बताया कि पवार के पति की करीब 30 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। उनके परिवार में उनका बेटा, बहू और पोता-पोती हैं। जिले की प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) पूर्णिमा गडरिया ने बुधवार को कहा था कि महामारी का पहला टीका वह खुद लगवाना चाहेंगी, ताकि अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
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हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक बाद में तय किया गया कि टीकाकरण की औपचारिक शुरूआत स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से की जाएगी, ताकि कोविड-19 महामारी से निपटने में उनके अहम योगदान को सम्मानित किया जा सके। इंदौर, कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 10 महीने से जूझ रहा है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में गत 24 मार्च से लेकर 14 जनवरी तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 56,926 मामले सामने आए। इनमें से 916 मरीजों की मौत हो चुकी है।
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