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Hindi News मध्य-प्रदेश कांग्रेस ने कोरोना की आंशका के चलते मध्य प्रदेश में उपचुनाव मतपत्रों से कराने की मांग की

कांग्रेस ने कोरोना की आंशका के चलते मध्य प्रदेश में उपचुनाव मतपत्रों से कराने की मांग की

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कोविड-19 के संक्रमण की आशंका व्यक्त करते हुए प्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में ईवीएम के स्थान पर मतपत्रों का उपयोग करने की मांग की है।

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भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कोविड-19 के संक्रमण की आशंका व्यक्त करते हुए प्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में ईवीएम के स्थान पर मतपत्रों का उपयोग करने की मांग की है। कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल होने और दो विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुई 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं हालांकि अभी इसकी तारीख की घोषणा नहीं हुई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव संबंधित मामले के प्रभारी जे पी धनोपिया ने बताया कि पार्टी की ओर से मंगलवार को इस संबंध में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को ज्ञापन सौंपा गया है। 

उन्होंने बताया , ‘‘हर मतदान केन्द्र पर औसतन 1,000 से 1,200 मतदाता अपने वोट डालते हैं। इसके लिए मतदाताओं को बार-बार ईवीएम मशीन का बटन दबाना होगा। प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के साथ ईवीएम के जरिये संक्रमण के प्रसार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव में ईवीएम के स्थान पर मतपत्रों का उपयोग करने की मांग की है। धनोपिया ने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक और ज्ञापन सौंप कर 24 रिक्त सीटों में से दो- जौरा और आगर मालवा की सीटों के उपचुनाव के बारे में जानकारी मांगी है। 

इन दो सीटों पर विधायकों की मृत्यु होने के कारण उपचुनाव कराना होगा। उन्होंने कहा कि जौरा विधानसभा सीट 21 दिसंबर 2019 से तथा आगर मालवा सीट 31 जनवरी 2020 से रिक्त है। उन्होंने बताया कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के प्रावधानों के अनुसार रिक्त सीटों के चुनाव छह माह के अंदर कराये जाने चाहिये। इन सीटों के लिए छह माह की अवधि जुलाई में समाप्त हो रही है। मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों ने बागी होकर विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद प्रदेश में 15 माह पुरानी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी। 

अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके ये 22 समर्थक भी भाजपा में शामिल हो गये थे। फिलहाल मध्यप्रदेश विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 है और सत्तारुढ़ भाजपा के पास 107 विधायकों की संख्या के साथ बहुमत है। भाजपा को सदन में साधारण बहुमत हासिल करने के लिए उपचुनाव में इन 24 सीटों में से कम से कम नौ सीटें जीतनी होंगी। कांग्रेस के अभी 92 विधायक हैं जबकि चार विधायक निर्दलीय हैं। इसके अलावा बसपा के दो और सपा के एक विधायक हैं।