भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी चलते प्रदेश में इस वर्ष गणेश उत्सव के सार्वजनिक पंडाल लगाने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। सरकार ने धार्मिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी भी लगायी है और इसके अलावा भी कई अन्य प्रतिबंध लगाये हैं।
प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार शाम को पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस साल गणेश उत्सव सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया जायेगा। इसलिए गणेश मूर्ति निर्माताओं से मैं अनुरोध करता हूं कि वह छोटी प्रतिमाएं बनायें। मूर्तियों के लिये बड़े पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।’’
मिश्रा ने लोगों से गणेश उत्सव अपने घरो में मनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसी तरह सार्वजनिक तौर पर मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति भी इस साल नहीं दी जायेगी। केवल एक या दो व्यक्तियों को ही मूर्तियों को विसर्जन हेतु जाने की अनुमति दी जा सकती है।
गृहमंत्री ने कहा कि इसी तरह ईद पर सामूहिक तौर पर नमाज अदा करने की भी अनुमति नही दी जायेगी। इस वर्ष ताजिये जुलूसों को भी अनुमति नहीं दी जायेगी। मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार ने तय किया है कि धार्मिक स्थानों पर एक साथ केवल पांच लोगों के जमा होने की अनुमति होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ न हो। गृह विभाग इस संबंध में जल्द ही दिशा निर्देश जारी करेगा। मिश्रा ने बताया कि साथ ही यह भी तय किया गया है कि विवाह समारोह में दूल्हा और दुल्हन प्रत्येक पक्ष से दस-दस लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी जायेगी।
इसी प्रकार अंतिम संस्कार में भी केवल 20 लोगों की शामिल होने की अनुमति दी जायेगी। इसके अलावा अन्य कार्यकमों में भी केवल दस लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी। मध्यप्रदेश में पिछले दो सप्ताह में कोरोना वायरस के संक्रमण मामलों में अचानक बढ़ोतरी होने के चलते ये प्रतिबंध लगाये गये हैं।