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Hindi News मध्य-प्रदेश इलाज के लिए डेढ़ माह के बच्चे को 'गर्म लोहे' से 40 बार दागा, गर्दन-पेट पर मिले निशान

इलाज के लिए डेढ़ माह के बच्चे को 'गर्म लोहे' से 40 बार दागा, गर्दन-पेट पर मिले निशान

इस महीने की शुरुआत में जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां से मामला सामने आया। बच्चे की गर्दन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों पर 40 से अधिक निशान पाए गए।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में बच्चे को गर्म लोहे से दागकर इलाज करने का मामला नहीं थम रहा है। नया मामला जिले के हरदी गांव से सामने आया है। यहां निमोनिया से पीड़ित डेढ़ महीने के एक बच्चे की बीमारी का इलाज करने के लिए गर्म लोहे की छड़ से 40 से अधिक बार दागा गया। घटना के संबंध में दाई और बच्चे की मां सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

दाई, मां और दादा के खिलाफ मामला दर्ज

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि बच्चा शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती है और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां से मामला सामने आया। बच्चे की गर्दन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों पर 40 से अधिक निशान पाए गए। गांवों में पारंपरिक प्रसव परिचारिका के रूप में काम करने वाली महिलाओं को ‘दाई’ कहा जाता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने दाई के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनकी पहचान बूटी बाई बैगा, बच्चे की मां बेतलवती बैगा और दादा रजनी बैगा के रूप में की गई है। तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और ‘ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट’ की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। 

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निमोनिया के इलाज के लिए दागा गया 

उन्होंने बताया कि हरदी गांव के रहने वाले बच्चे के परिवार ने एक दाई से कॉन्टैक्ट किया था, जिसने 4 नवंबर को निमोनिया के इलाज के लिए बच्चे के शरीर को गर्म लोहे की छड़ से 40 से अधिक बार दागा था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आर एस पांडे ने कहा कि बच्चे की दादी ने अपने घर पर एक दाई से गर्म लोहे का इलाज करवाया। उन्होंने बताया कि बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है। 

गर्दन, पेट, पीठ और शरीर के अन्य हिस्से पर निशान

मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. निशांत प्रभाकर ने कहा कि बच्चे को जन्म के समय और फिर निमोनिया से पीड़ित होने पर गर्म लोहे की छड़ से दागा गया था। उन्होंने कहा कि बच्चे की गर्दन, पेट, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों पर दागने के 40 से अधिक निशान पाए गए हैं। प्रभाकर ने कहा कि सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद बच्चे की हालत अब ठीक है। शहडोल में शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) राघवेंद्र द्विवेदी ने संवाददाताओं को बताया कि संबंधित दाई, लड़के की मां और दादा सहित तीन लोगों पर भारतीय दंड संहिता और ‘ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट’ के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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इससे पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों की बीमारियों के इलाज के लिए उन्हें लोहे की छड़ों से दागना एक आम बात है। इस साल फरवरी में निमोनिया के इलाज के लिए कथित तौर पर 50 से अधिक बार गर्म लोहे की छड़ से दागे जाने के बाद हुई मौत के बाद जांच के लिए शहडोल जिले में एक ढाई महीने की बच्ची का शव कब्र से निकाला गया था। इसी महीने एक और मामला सामने आया, जहां जिले में तीन महीने की बच्ची को गर्म लोहे की छड़ से दागा गया। 
- PTI इनपुट के साथ

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