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Hindi News मध्य-प्रदेश छिंदवाड़ा के संतरों को मिली नई पहचान, नाम मिला ‘सतपुड़ा ऑरेंज’

छिंदवाड़ा के संतरों को मिली नई पहचान, नाम मिला ‘सतपुड़ा ऑरेंज’

अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों ने फल के लिए एक क्यूआर कोड भी बनाया है जिससे किसी व्यक्ति द्वारा कोड स्कैन करते ही किस्म के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाएगी।

oranges- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE | PIXABAY Oranges

Highlights

  • छिंदवाड़ा में पैदा होने वाले संतरे का छिलका पतला होता है
  • मीठे और रसीले होते हैं छिंदवाड़ा के संतरे

भोपाल : मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में उगाए जाने वाले संतरे अब पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर में उत्पादित संतरे से अपनी एक अलग पहचान बनाएंगे और सरकार की ‘‘एक जिला एक उपज’’ योजना के तहत ‘सतपुड़ा ऑरेंज’ कहलाएंगे। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों ने फल के लिए एक क्यूआर कोड भी बनाया है जिससे किसी व्यक्ति द्वारा कोड स्कैन करते ही किस्म के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाएगी। 

मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ बहुत कम लोग जानते हैं कि नागपुर में संतरे का एक बड़ा हिस्सा छिंदवाड़ा जिले से आता है। इसने नागपुर को ऑरेंज सिटी का टैग दिलाने में प्रमुख भूमिका अदा की है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार की एक जिला एक उत्पाद प्रोत्साहन योजना के तहत छिंदवाड़ा में उगाए जाने वाले संतरे को ‘‘सतपुड़ा ऑरेंज’’ के रुप में जाना जाएगा। 

छिंदवाड़ा में पैदा होने वाले संतरे का छिलका पतला होता है और ये मीठे और रसीले होते हैं। अधिकारी ने कहा कि इससे विशिष्ट गुणों के कारण किसान सीधे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फल बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये संतरे छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना, सौसर, बिछुआ और अन्य विकास खंडों में लगभग 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उगाए जाते हैं। 

अधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 4.5 लाख टन संतरे का उत्पादन होता है जिसमें से 60 से 70 प्रतिशत नागपुर के व्यापारियों द्वारा प्राप्त किया जाता है और वहां से यह अन्य राज्यों और बांग्लादेश में पहुंचता है। 

इनपुट-भाषा