Video: सरकारी स्कूल का हाल-बेहाल, टपकती छत के नीचे पढ़ें या किताब भीगने से बचाएं
टपकती छत से बचने के लिए स्कूल भवन में बाकायदा पॉलिथीन लगाई गई है, जिससे कि स्कूल भवन में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर सके।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कांग्रेस नेता कमलनाथ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक सभी ने विकास के बहुत दावे किए हैं, लेकिन बारिश ने सभी दावों की पोल खोल दी है। यहां सरकारी स्कूल की छत टपक रही है। ऐसे में बच्चे स्कूल पहुंचकर भी पढ़ नहीं पा रहे। पानी से बचाने के लिए प्लास्टिक की चादर लगाई गई है, लेकिन इससे बच्चों की परेशानी कम नहीं हो रही।
मामला तामिया के बिजोरी पठार के शासकीय एकीकृत विद्यालय का है। यहां बारिश में स्कूल भवन की छत से पानी टपकने लगता है। टपकती छत से बचने के लिए स्कूल भवन में बाकायदा पॉलिथीन लगाई गई है, जिससे कि स्कूल भवन में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर सके। हालांकि, इससे से भी पानी रिसकर यहां पढ़ने वाले बच्चों को गीला कर रहा हैं और दीवारों से पानी रिसकर कमरों में भरा जा रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह हाल देखकर लगता है कि जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बच्चों की जान जोखिम में है। इस भवन की स्थिति यह हो चुकी है कि बच्चे बैठ नहीं पा रहे हैं लेकिन पॉलिथीन लगाकर बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
स्कूल प्रबंधन की मांग नहीं सुन रहे अधिकारी
इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार पद में बैठे अधिकारी कितने गंभीर हैं। पानी रोकने के लिए स्कूल प्रबंधन ने सभी जगह आवेदन तो दिया, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और लगातार हो रही बारिश की वजह से यहां के स्कूली बच्चे परेशान हैं। रोजाना सुबह से ही पूरे दिन दो से तीन बार स्कूल के कमरों से पानी को बाहर फेंकते हैं। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। स्कूल प्रबंधन ने इस समस्या से शिक्षा विभाग के अफसरों को अवगत करवाते हुए स्कूल भवन की मरम्मत की मांग की है। स्कूल प्रबंधन का कहना है स्कूल भवन की मरम्मत की मांग पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। स्कूल भवन की मरम्मत अभी तक नहीं की गई है।
यह भी पढ़ें-
चलती ट्रेन में गिरी खौलती हुई चाय, बचने के लिए नीचे कूद गए 2 युवक, दोनों की मौत
मध्य प्रदेश पुलिस में भी अग्निवीरों को मिलेगा आरक्षण, सीएम मोहन यादव ने किया ऐलान