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Hindi News मध्य-प्रदेश सिंधिया के मंत्री बनने पर कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश के एक मंत्री को बरनॉल भेजा

सिंधिया के मंत्री बनने पर कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश के एक मंत्री को बरनॉल भेजा

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस ने सिंधिया के विश्वासघात के बारे में बयान जारी किया, तो मिश्रा ने कहा कि वह हमें बरनॉल भेजेंगे। अब हमने मिश्रा को बरनॉल मरहम की दो ट्यूब भेजी हैं क्योंकि उन्हें इसकी अधिक जरुरत है।’’

burnol Congress leader sends Burnol tp MP minister after Scindia became a minister सिंधिया के मंत्री- India TV Hindi Image Source : PTI सिंधिया के मंत्री बनने पर कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश के एक मंत्री को बरनॉल भेजा

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग के बाद कांग्रेस के एक नेता ने शनिवार को यहां मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को ‘‘जलन नाशक’’ बरनॉल क्रीम भेजी है।

मिश्रा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि जो लोग पूर्व कांग्रेसी सिंधिया के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से जलन महसूस कर रहे हैं उन्हें बरनॉल (एक क्रीम जिसका उपयोग जलने वाली चोटों पर उपचार के लिए किया जाता है।) दी जानी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस ने सिंधिया के विश्वासघात के बारे में बयान जारी किया, तो मिश्रा ने कहा कि वह हमें बरनॉल भेजेंगे। अब हमने मिश्रा को बरनॉल मरहम की दो ट्यूब भेजी हैं क्योंकि उन्हें इसकी अधिक जरुरत है।’’

उन्होंने कहा कि मरहम की ट्यूबों को एक ई-कॉमर्स साइट के जरिए भेजा गया है। सलूजा ने कहा, ‘‘उनमें से एक ट्यूब शिवराज सिंह चौहान की ओर से है क्योंकि मिश्रा की नजर उनके पद पर थी। एक अन्य ट्यूब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से है क्योंकि मिश्रा उनके प्रति आसक्त हैं और लगातार उनके बारे में बात करते हैं।’’

प्रदेश भाजपा के सचिव राहुल कोठारी ने कहा कि यह कांग्रेस की एक हल्की हरकत है। कोठारी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘यह कांग्रेस की ओछी हरकत है। विपक्षी दल हमें बताए कि कमलनाथ को किस तरह के मरहम की जरुरत है क्योंकि वह केवल हवाई यात्रा करते हैं और अब सिंधिया उड्डयन मंत्री बन गए हैं।’’

गौरतलब है कि सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का मार्च 2020 में पतन हो गया था। इसके तत्काल बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा मध्यप्रदेश की सत्ता में लौट आई थी।