एक्शन में 'बुलडोजर मामा', बोले- मैंने संकल्प लिया था या तो डाकू रहेंगे या शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान भी योगी के रास्ते पर चल पड़े हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके समर्थक बुलडोजर बाबा कहते हैं। अब मध्य प्रदेश में शिवराज समर्थक उन्हें बुलडोजर मामा कह रहे हैं।
भोपाल: उत्तर प्रदेश की तरह अब मध्य प्रदेश में भी बुलडोजर चलने लगा है। मध्य प्रदेश के मिुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि अब अपराधियों के घर पर लड़कियों के साथ ज्यादती करने वालों के मकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। इसके बाद मध्य प्रदेश में जगह-जगह बुलडोजर चल रहे हैं। आज शिवराज सिंह की सरकार को दो साल पूरे हो गए इस मौके पर बीजेपी के विधायक बुलडोजर पर बैठकर सड़क पर निकले। भोपाल की हुजूर सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा बुलडोजर लेकर सड़कों पर निकल पड़े। ढोल नगाड़ों, बैनर पोस्टर्स के साथ बुलडोजर रैली निकाली गई। रामेश्वर शर्मा ने अपने घर के बाहर बड़े-बड़े होर्डिंग भी लगवाए हैं जिनपर लिखा है- बेटी की सुरक्षा में जो बनेगा रोड़ा, मामा का बुलडोजर बनेगा हथौड़ा।
बता दें कि मध्य प्रदेश में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान भी योगी के रास्ते पर चल पड़े हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके समर्थक बुलडोजर बाबा कहते हैं। अब मध्य प्रदेश में शिवराज समर्थक उन्हें बुलडोजर मामा कह रहे हैं लेकिन शिवराज सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में बुलडोजर तो पहले भी चल रहे थे बस चर्चा अब हो रही है।
शिवराज ने कहा, ''मैंने संकल्प लिया था कि मध्यप्रदेश की धरती पर या तो डाकू रहेंगे या शिवराज सिंह चौहान रहेगा। सारे डकैत समाप्त कर दिए गए, मार दिए गए या मध्य प्रदेश के बाहर चले गए। सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त किया। नक्सलवाद को सीमित किया। नक्सलवाद मध्यप्रदेश में पैर पसार नहीं पाया।''
उन्होंने कहा, बेटियों, बहनों की तरफ गलत नजर से देखने वालों के लिए सामान्य सजा काफी नहीं है। ऐसे लोगों के को कानून तो सजा देगा ही लेकिन बुलडोजर भी चलेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने श्योपुर जिले की एक घटना का जिक्र किया। श्योपुर में 17 मार्च को आदिवासी समुदाय की एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रशासन ने गैंगरेप के आरोपियों मोहम्मद मोहसिन, रियाज और शहबाज के घरों पर बुलडोजर चला दिया।
शिवराज सरकार के बुलडोजरों ने इसी तरह की सख्त कार्रवाई रायसेन जिले में भी की। रायसेन जिले के खमरिया खुर्द इलाके में होली के दिन यानी 18 मार्च को आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के कुछ लड़कों के बीच कहासुनी के बाद झगड़ा बढ़ गया था। बात मामूली से झगड़े से शुरू हुई और खूनी संघर्ष तक पहुंच गई। मुस्लिम पक्ष की तरफ से आदिवासी समुदाय के लोगों पर फायरिंग की गई, ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई। इस हिंसा में एक आदिवासी की मौत हो गई थी जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
शिवराज की पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए मुस्लिम समुदाय के 16 लोगों पर केस दर्ज किया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अपराधियों, गुंडों और उपद्रवियों के मन में कानून का खौफ रहे इसलिए शिवराज सरकार ने बुलडोजर चलवाने में भी देर नहीं की। हिंसा के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए, रायसेन एडमिनिस्ट्रेशन के बुलडोजर आरोपियों के अवैध ढंग से बने घरों और दुकानों को गिराने पहुंच गए। पुलिस और प्रशासन की टीम ने 19 मार्च को उपद्रव फैलाने वाले मुस्लिम आरोपियों के दो घरों और दो दुकानों को बुलडोजर चलाकर मिट्टी में मिला दिया।