मंत्री पुत्र की गुंडागर्दी मामले में भाजपा आलाकमान हुआ सख्त, कहा- यह अधिकार किसी के पास नहीं
मध्य प्रदेश की मोहन यादव की सरकार को अभी सिर्फ चार महीने ही हुए कि मंत्री पुत्र के गुंडागर्दी मामले के सामने आते ही उनकी सरकार की किरकिरी हो गई। जिसके चलते आज प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि गुंडागर्दी का अधिकार किसी के पास नहीं है, मेरे पास भी नहीं है।
महज चार महीने पुरानी मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के एक मंत्री के बेटे की गुंडागिरी का मामला सामने आने पर अब संगठन ने भी कड़ा रुख अपनाया है। मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा, "गुंडागर्दी का अधिकार किसी के पास नहीं है, मेरे पास भी नहीं है। दूसरे पक्ष के पास भी गुंडागर्दी करने का अधिकार नहीं है और किसी को यह अधिकार नहीं है। प्रशासन अपना काम कर रहा है, जिसने गलत किया उस पर गंभीरता से प्रशासन निर्णय लेगा।" आपको बता दें कि मारपीट के मामले में भोपाल पुलिस ने एमपी के स्वाथ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे पर एफआईआर दर्ज की है। वहीं राज्यमंत्री पटेल पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस थाने जाकर स्टाफ को लताड़ लगाई जिसके बाद 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया।
'मंत्री का बेटा है, इसलिए हमें धमकी दे रहा था'
दरअसल बीते शनिवार को पुलिस FIR के और शिकायतकर्ता अलीशा सक्सेना के पति डेनिस मार्टिन के मुताबिक शनिवार रात 8:00 बजे उनके रेस्टोरेंट के बाहर एक सफेद इनोवा कार में कुछ लड़के लड़कियों ने उतरकर एक बाइक वाले आदमी को मारना शुरू कर दिया। अलीशा ने बताया कि जब उन्होंने उन लोगों को रोकने की कोशिश की तो उनमें से एक ने कहा मैं मंत्री का लड़का हूं और फिर मुझे मेरे पति को मारा। अलीशा ने बताया कि उन्होंने मुझ पर हमला किया और वह सब लड़के नशे में थे। उन्होंने कहा कि उन लड़कों ने मेरे हस्बैंड पर जानलेवा हमला किया, इन लड़कों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं क्योंकि वह एक मंत्री का बेटा है, इसलिए हमें धमकी दे रहा था कि हम तुम्हें देख लेंगे, तुम्हारे रेस्टोरेंट को देख लेंगे।
मामले का सीसीटीवी फुटेज भी आया सामने
बताया जा रहा है बीच बचाओ के दौरान उनके पति डेनिस के सर पर गहरी चोट आई है, उनके अलावा उनके रेस्टोरेंट के कर्मचारी सीताराम के साथ भी युवकों ने मारपीट की। इसके बाद तीनों ने शाहपुरा थाने में जाकर पुलिस को सूचना देते हुए घटना की एफआईआर करवाई। सूत्रों के मुताबिक पीड़ित महिला अपने पति और रेस्टोरेंट कर्मचारियों के साथ थाने पहुंची तो वहां मंत्री पुत्र अभिज्ञान पटेल भी पहुंच गया और दोनों के बीच जमकर विवाद शुरू हो गया इस पूरे मामले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। गहमा-गहमी बढ़ते देख पुलिस ने अभिज्ञान पटेल के खिलाफ धारा 294, 324, 506, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
जानकरी के अनुसार इसी के बाद स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र तिवारी पटेल अपने समर्थनों के साथ शाहपुर थाने पहुंच गए और पुलिस पर आरोप लगाते हुए कि उनके बेटे के साथ मारपीट की गई है पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की बात कही। जिसके बाद चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। वहीं अभिज्ञान के साथी प्रशांत द्विवेदी की रिपोर्ट पर महिला और उसके पति के खिलाफ भी काउंटर केस दर्ज किया गया है।
मामले ने ऐसे लिया राजनीतिक रंग
रविवार को इस मामले में तब राजनीतिक रंग लिया जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी तीनों फरियादियों को लेकर शाहपुर थाने पहुंचे। उन्होंने थाने पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से होटल संचालक के सर के घाव दिखाते हुए सवाल किए कि मंत्रीपुत्र के खिलाफ हत्या के प्रयास के बजाय साधारण मारपीट की धाराओं में केस दर्ज क्यों किया गया और पुलिसवालों को किन वजहों से सस्पेंड किया।
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