A
Hindi News मध्य-प्रदेश ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेता का बीजेपी ने काटा टिकट, कमलनाथ के गढ़ में भी मारा ये दांव

ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेता का बीजेपी ने काटा टिकट, कमलनाथ के गढ़ में भी मारा ये दांव

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने अपने 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास नेता रणवीर जाटव का टिकट कट गय़ा है। खास बात ये है कि जाटव का टिकट काटकर उस नेता को दिया गया है जिसे उन्होंने ही पिछली बार हराया था।

Jyotiraj Scindia- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO बीजेपी की पहली कैंडिडेट लिस्ट में ज्योतिराज सिंधिया को बड़ा झटका

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट के बाहर आते ही प्रदेश में सियासी तपिश बढ़ गई है। बीजेपी कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा झटका लगा है। दरअसल इस लिस्ट के बाद साफ हो गया कि सिंधिया के खास नेता रणवीर जाटव का बीजेपी ने टिकट काट दिया है।

जिन लाल सिंह को जाटव ने हराया, उन्हें ही दे दिया मौका
बता दें कि रणवीर जाटव ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफी करीबी माने जाते हैं। साल 2018 के चुनाव में वह गोहद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आए थे। इसके बाद वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन उसके बादग हुए उपचुनाव में जाटव को हार का सामना करना पड़ा था। बड़ी बात ये है कि जिन लाल सिंह आर्य को रणवीर जाटव ने पिछले विधानसभा चुनाव में हराया था, बीजेपी ने उन्हीं लाल सिंह आर्य को रणवीर जाटव का काट कर इस सीट से उतारा है। वर्तामान में अनुसूचित जाति जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य को इस सीट से लगातार 6 बार टिकिट मिला है।

छिंदवाड़ा के पांढुर्ना से पूर्व जज को टिकट
बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर जारी की गई अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में एक और सरप्राइज दिया है। दरअसल, कमलनाथ का गढ़ तोड़ने के लिए भाजपा ने हाल ही में इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए जज को टिकट दिया है। बता दें कि छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना से बीजेपी ने प्रकाश उइके को टिकिट दिया है। प्रकाश उइके हाल ही में न्यायिक सेवा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए इस आरक्षित सीट पर भाजपा को लंबे समय से एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश थी।

गौरतलब है कि न्यायिक सेवा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले प्रकाश उइके पहले नहीं है। इनसे पहले देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी भी न्यायिक सेवा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे और फिर सांसद बने।

ये भी पढ़ें-