कमलनाथ ने की राज्यपाल से मुलाकात, बीजेपी पर लगाया विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप
मध्यप्रदेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाक़ात की है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ी राजनीतिक हलचल के बीच शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की है और उन्हें एक पत्र सौंपा है जिसमें भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी अनैतिक और गैर कानूनी काम कर रही है। बता दें कि कांग्रेस के करीब दो दर्जन विधायक अभी बेंगलुरू में हैं, वहीं कमलनाथ सरकार में शामिल विधायकों को कांग्रेस ने जयपुर रवाना किया है। मध्य प्रदेश का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होना है, ऐसे में विधायकों की गैर मौजूदगी सरकार का संकट बढ़ा रही है।
कमलनाथ ने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाया गया है वो आज पूरा देश देख रहा है, मैंने उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। मैंने मांग की है कि उनको कैद से छुड़ाया जाए और वापस लाया जाए। फ्लोर टेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि वह तो राज्यपाल के भाषण होगा, बजट पर भी होगा। भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर ईमानदारी होती तो ये 22 विधायकों को मीडिया के सामने लाते। उनकी बात सुनते।
गवर्नर को लिखे पत्र में कमलनाथ ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी उनकी पार्टी के 19 विधायकों को 8 मार्च के दिन हवाई जहाज में बैठाकर बेंगलुरू लेकर गई है, उन्होंने कहा है कि विधायकों से जिनमें 6 मंत्री भी शामिल हैं, को किसी से नहीं मिलने दिया जा रहा है। पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि पहले 3 और 4 मार्च को भाजपा द्वारा विधायकों को अलग करने का प्रयास किया। यह प्रयास विफल होने के बाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने यही खेल रचा। कांग्रेस को अपने ही विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
राजभवन से बाहर निकलते वक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ 10 सालों तक मुख्यमंत्री रहने का दावा किया। उन्होंने कहा कि यह सब बीजेपी का षड्यंत्र है। एक बार यह सब कुछ हो जाए तब हम तय करेंगे क्या करना है। यह पूछने पर कि क्या कोरोना वायरस के चलते विधानसभा सत्र आगे बढ़ाया जा सकता है तो कमल नाथ ने सीधा जवाब तो नहीं दिया, बस इतना कहा कि कोरोना वायरस तो यहां पहले राजनीति में है।
सूत्रों के मुताबिक खबर है कि कमलनाथ कोरोना की खतरे की वजह से विधानसभा सत्र टलवाने की कोशिश में हैं। 16 मार्च से मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र शुरू होना है और इस सत्र में कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना है। सूत्र कह रहे हैं कि कमलनाथ सत्र को आगे बढ़ाने की कोशिश में हैं ताकि सरकार का संकट कुछ दिन और टल जाए।