बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के कटंगी में एक ऐसी शादी हुई है जो काफी चर्चा का विषय बन गई। इस शादी में वर वधु ने दांपत्य जीवन में प्रवेश करने के साथ ही अंगदान करने का फैसला किया है। वर प्रभात और वधू भूमेश्वरी दोनों ने मरणोपरांत अपने पूरे शरीर का अंगदान के रूप में स्वास्थ्य विभाग को सौंपने का ऐलान किया है।
लोगों ने तालियां बजाकर दी शाबाशी
बता दें कि प्रभात बर्मन शास्त्री नगर जबलपुर के रहने वाले हैं और वधू भुमेश्वरी कटंगी बालाघाट की रहने वाली है। इनका मंगलमय विवाह बीती रात 11 जून को संपन्न हुआ है। बड़ी धूमधाम से बारात पहुंची थी और लगन के साथ ही वर-वधू ने मरणोपरांत अपने शरीर का दान करने की घोषणा कर दी जिसके साक्षी सैकड़ों की संख्या में दोनों पक्ष के बाराती बने। हालांकि पूरी विभागीय प्रक्रिया आगामी समय में होनी है लेकिन अंगदान किए जाने की घोषणा ना सिर्फ मिसाल बन गई बल्कि सभी के लिए एक उदाहरण भी है कि अंगदान कर निश्चित ही ऐसे व्यक्तियों के जीवन को बचा सकते हैं जिनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया हैं। इस संबंध में वर-वधू ने चर्चा करते हुए अंगदान करने के संदर्भ में बताया कि वह क्यों अंगदान करना चाहते हैं।
Image Source : india tvशादी समारोह में अंगदान की घोषणा
दूल्हा-दुल्हन को ऐसे मिली अंगदान की प्रेरणा
प्रभात ने बताया कि उसे 2007 में टीवी में एक कार्यक्रम देखकर और दूरदर्शन पर मोहन फाउंडेशन से अंगदान की जानकारी मिली थी। इसके अलावा फिल्म अभिनेता सलमान खान द्वारा बोन डोनेशन करने से प्ररेणा मिली। अभी तक ऐसे शुभ कार्य में अंगदान की बात नहीं होती है इसलिए वैवाहिक अवसर पर अंगदान करने का निर्णय इसलिए भी लिया ताकि लोगों के बीच में ऐसी बातें अधिकाधिक पहुंच सके। उसने बताया कि होने वाली पत्नी से भी उन्होंने इस बात को विवाह के पहले रखा तो वह भी मेरे साथ अंगदान करने के लिए तैयार हो गई है। प्रभात ने कहा कि वह अंगदान इसलिए भी करना चाहते हैं कि मरने के बाद भी किसी दूसरे को जीवनदान दे सके। साथ ही उन्होंने हर किसी को ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम, किसी मांगलिक कार्यक्रम में ऐसा करने आह्वान भी किया।
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वहीं, वधू भुमेश्वरी ने बताया, मेरे पति मोहन फाउंडेशन से जुड़े है और सामाजिक कार्य करते हैं। उन्होंने ही मुझे शादी के पहले अंगदान को लेकर बताया था जिससे मैं भी प्रभावित हुई और आज मंगल परिणय के अवसर पर हमने मरणोपरांत अंगदान करने का निर्णय किया है। अंगदान करने में किसी तरह की कहीं से कोई रुकावट नहीं है।
(बालाघाट से शौकत बिसाने की रिपोर्ट)