फिर संकट में बागेश्वर धाम सरकार, धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ इस समाज ने खोला मोर्चा, FIR दर्ज कराने की चेतावनी
दरअसल, परशुराम जयंती के मौके पर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अपने भक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हुए थे तमाम प्रश्नों के जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने भगवान परशुराम के बारे में बताना शुरू किया
भोपाल : अपने बयानों के चलते कई बार विवादों में आ चुके बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर चर्चा में है। इस बार विवाद की वजह है बाबा बागेश्वर द्वारा हैहयवंशी क्षत्रिय समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्त्र बाहू महाराज पर की गई टिप्पणी। जिसे लेकर हैहयवंशी समाज एमपी से लेकर छत्तीसगढ़ तक थाने में शिकायत दर्ज करा रहा है।
परशुराम जयंती के दिन की थी टिप्पणी
दरअसल, परशुराम जयंती के मौके पर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अपने भक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हुए थे तमाम प्रश्नों के जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने भगवान परशुराम के बारे में बताना शुरू किया कहा कहा कि ये क्षत्रिय अचानक से प्रकट कहां से हो जाते थे, इस पर थोड़ी सी चर्चा करते हैं। सहस्त्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश। हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया। हैहय वंश का राजा बड़ा ही कुकर्मी, साधुओं पर अत्याचार करने वाला, स्त्रियों पर बलात करने वाले थे।
बाबा बागेश्वर यहां नहीं रुके। आगे उन्होंने बताया साधु का काम ही है दुष्टों को ठिकाने लगाते रहना। इसलिए उन्होंने हैहयवंश के राजाओं को मारना प्रारंभ किया, लेकिन आपने शास्त्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए कभी भी न तो स्त्रियों पर अपना परसा उठाया, न ही बालक-बालिकाओं पर अपना परसा उठाया। उन्होंने आताताई राजाओं को मार दिया, पर उनके बच्चों को हाथ नहीं लगाया। लेकिन जब वह बच्चे युवा हुए और उन्होंने भी अत्याचार प्रारंभ किया और उन्होंने भी अपने पिता का बदला लेने के लिए भगवान परशुराम पर आक्रमण किया तो फिर भगवान परशुराम ने उन आताताइयों का वध किया, फिर उनकी संतान हुई फिर उनका वध किया।
भगवान परशुराम क्षत्रियों के विरोधी नहीं
दरअसल, माना जाता रहा है ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम ने क्षत्रियों का 21 बार पृथ्वी से संहार किया था। इसी कथा को सुनाते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा ऐसे क्रम में 21 बार पृथ्वी को उन क्षत्रियों से विहीन किया, जो बड़े ही दुष्ट प्रवृत्ति के और निर्मम थे। इससे सिद्ध होता है भगवान परशुराम क्षत्रियों के विरोधी नहीं थे। भगवान परशुराम तो पापचारी, अत्याचारी के विरोधी थे। ऐसे आताताई का वध करना अधर्म नहीं है। इसलिए भगवान परशुराम सभी समाज के लिए पूजनीय हैं। उनका फरसा केवल ब्राह्मणों के लिए नहीं उठाया, उनका फरसा समस्त चराचर रहने वाले जीवों के कल्याण लिए उठा था। इसलिए भगवान परशुराम केवल एक विशेष जाति समुदाय तक सीमित नहीं हैं। भगवान परशुराम सभी के लिए है और उनकी जो कर्मयोद्धा की नीति है, उस कर्मयोद्धा की नीति को हम सभी को स्वीकार करना चाहिए।
बाबा बागेश्वर यही बयान देश भर में हैहयवंश समाज को नागवार गुजरा।एमपी के सीहोर में हैहयवंश समाज ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री माफी नहीं मांगेंगे तो पूरे देश में FIR दर्ज कराई जाएगी।
सीहोर में हैहयवंशी क्षत्रिय समाज संघठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनरायण ताम्रकार ने बताया-'श्री राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन हमारे आराध्य हैं। हम उनकी संतान हैं । हमारे आराध्य सुदर्शन चक्र के अवतार हैं और उन्होंने भगवान श्री राम के पहले रावण को पराजित किया। उनको जाने बिना यदि कोई उन्हें अतिचारी, बलात्कारी कहे तो वे निंदनीय हैं। कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने भगवान श्री राजराजेश्वर को लेकर अनर्गल मिथ्या अपमानजनक शब्दों का उल्लेख किया। उनकी इस टिप्पणी को लेकर थाने में आवेदन दिया गया है, वह अपने शब्द वापिस ले माफी मांगे अन्यथा पूरे देश में उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।'
वहीं छतरपुर मे राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ ने भी बाबा बागेश्वर के खिलाफ एसपी को ज्ञापन दिया कहा बाबा बागेश्वर उनके आराध्य देवता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है और अगर उन्होंने मांफी नही मांगी तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये। यही नहीं बाबा बागेश्वर के बयान की आग एमपी के छतरपुर सीहोर जिले से निकलते हुए छत्तीसगढ़ पहुंची छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अभिषेक कसार ने कोतवाली थाना रायपुर में लिखित शिकायत दर्ज कर और एक्शन लेने की मांग की।
यह पहली बार नहीं है जब बाबा बागेश्वर के किसी बयान से कोई धर्म या वर्ग विशेष आहत ना हुआ हो। साईं बाबा पर दिया गया बयान हो या संत तुकाराम पर दिया गया बाबा का बयान लोगो को आक्रोशित करता आया है। हालांकि चाहे साईं बाबा हो या संत तुकाराम दोनों के समर्थकों से बाबा खेद प्रकट कर माफी मांग चुके हैं लेकिन हालिया बयान पर बाबा का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।