मध्य प्रदेश: जिस मीडिया ने बाबा बागेश्वर को बड़ा मुकाम दिलाया उसी मीडिया को बाबा ने दो कौड़ी का बता दिया है। बाबा बागेश्वर ने मीडिया को दो कौड़ी का कहा। इसके साथ ही बाबा ने कहा कि हम विवादित बात इसलिए नही करते कि टीवी पर आते रहे हैं, ये दो कौड़ी की टीवी पर आने के लिए हम करोड़ों का आध्यात्म नहीं लुटाएंगे। बाबा बागेश्वर का मध्य प्रदेश के सागर की एक सभा का 29 तारीख की कथा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बता दें कि धर्म आध्यात्मिक कथा के अलावा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जानते हैं कि विवादों के जरिए कैसे सुर्खियों में रहा जाए। यही वजह है एक के बाद एक उनके विवादित बयान मीडिया में सुर्खियां बटोरते रहते हैं।
चाहे शूली पर चढ़ जाएं, सत्य बोलना नहीं छोड़ेंगे
बीते दिनों सागर में हुई उनकी कथा का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बाबा बागेश्वर ने जिस मीडिया के जरिए प्रसिद्धि पाई उसी को दो कौड़ी का ठहरा दिया। इस वायरल वीडियो मे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कह रहे हैं कि आप लोगों को लगता होगा कि हम इसलिए विवादित बात बोल देते हैं कि टीवी में बने रहें, तो जान लीजिए दो कौड़ी की टीवी में बने रहने के लिए हम करोड़ों का आध्यात्म नहीं लुटाते। हमारा ध्येय टीवी नहीं है हमारा ध्येय सनातन की सत्यता को जनाना है। चाहे शूली पर चढ़ जाएं लेकिन सत्य बोलना नहीं छोड़ेंगे चाहे अंजाम कुछ भी हो।
लोगों ने तो मीरा-महावीर को भी नहीं छोड़ा
बाबा बागेश्वर ने कहा, इस भारत में तो अंजाम महावीर का भी ठीक नहीं था, महावीर को भी लोग नंगा-नंगा कहकर पत्थर मानते थे। मीरा को भी ज़हर पिलाया, सूरदास को भी न जाने क्या क्या कहा। रसखान को भी न जाने क्या-क्या कहा। तुलसीदास की भी न जाने कितनी परीक्षा ली, तो मैं तुमसे प्रार्थना करता हूं कि जो हमें मानते हैं आप अपने मन में ग्लानि मत लाया करो कि हम कोई बात अशास्त्रीय बोल रहे हैं या कुछ भाव में बहकर कह गए हैं।
पहले देते हैं विवादित बयान, फिर खेद प्रकट करते हैं बाबा
यह पहली बार नहीं है जब दरबार में पर्चा बनाकर लोगों का दुख दर्द दूर करने का दावा करने वाले बाबा बागेश्वर ने कोई विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी चाहे साईं बाबा या संत तुकाराम को लेकर उनका बयान हो या भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन को लेकर हाल ही में की गई टिप्पणी हो। उनके बयान समाज को आक्रोशित करते हुए दिखाई देते हैं, हालांकि बाद में बाबा खेद प्रकट कर बात को खत्म करने की कोशिश भी करते हैं।