बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को अपने एक बयान में चुनावी प्रक्रिया को 'महायज्ञ' करार देते हुए हिंदू समाज को एकजुट होने की अपील की है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में चुनाव एक महायज्ञ के समान होता है, जिसमें वोट आहुति के रूप में दिया जाता है और जो उम्मीदवार ज्यादा मत प्राप्त करता है, वह विजयी होता है।
बाबा बागेश्वर ने हिंदू समाज के भीतर जातिवाद और अन्य विकृतियों को लेकर चिंता जताई और कहा, "हिंदू समाज में एकता की कमी का मुख्य कारण जातिवाद और दूरी है। हमें हर हिंदू को एक साथ लाकर एक नई दिशा दिखानी होगी। हर हिंदू को अपने बैनर तले एकजुट करना होगा और हर वर्ग को समान रूप से सिखाना होगा कि हम सब एक हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समाज में अलग-अलग नेता या संगठन अपने-अपने तरीके से काम कर रहे हैं, लेकिन इस सबका एक ही लक्ष्य होना चाहिए- हिंदू एकता और हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार।
बताया किन्हें करना चाहिए समर्थन
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "हिंदू समाज में जो भी विकृतियां और दूरी हैं, उन सबको खत्म करना होगा। अगर हमें भारत को विश्व गुरु बनाना है तो हम सबको एकजुट होना होगा। 29 तारीख को राम राजा ओरछा में हम सामूहिक संकल्प लेंगे और यह संकल्प केवल भारत को एक करने का नहीं, बल्कि हिंदू समाज को भी एकजुट करने का होगा।" बाबा बागेश्वर ने चुनावों को लेकर कहा, "हमारे लिए जो भी काम हिंदू समाज के भले के लिए हो और जो हिंदुत्व के कार्य करें, हमें उनका समर्थन करना चाहिए। लोकतंत्र में जीत केवल उस व्यक्ति की होती है, जिसे ज्यादा वोट मिलते हैं।"
"टी राजा जैसे लोग हिंदू समाज के लिए जरूरी"
टी राजा का जिक्र करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा, "टी राजा जैसे लोग हिंदू समाज के लिए जरूरी हैं। वह अकेले धर्म विरोधियों से लड़ते हैं और उनकी जमीनों को वापस दिलवाते हैं। हमें टी राजा जैसे फायरब्रांड नेताओं की जरूरत है, जो हिंदू समाज के लिए खड़े हों और अपनी आवाज बुलंद करें।" उन्होंने अंत में हिंदू समाज को संबल देते हुए यह भी कहा, "जो लोग हिंदू धर्म के खिलाफ उंगली उठाते हैं, उन्हें उस उंगली को काट दिया जाएगा। हिंदू समाज अब जाग चुका है और वह एक नया इतिहास लिखने जा रहा है।"
ये भी पढ़ें-
Budhni By Election Result: शिवराज सिंह की सीट बुधनी का क्या है हाल? यहां जानिए
पश्चिम बंगाल में ममता दीदी का जलवा बरकरार, सभी 6 सीटों पर TMC ने बनाई बड़ी बढ़त