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Hindi News मध्य-प्रदेश गुजरात में मिली जीत से उत्साहित ओवैसी की पार्टी AIMIM की अब इस राज्य में एंट्री

गुजरात में मिली जीत से उत्साहित ओवैसी की पार्टी AIMIM की अब इस राज्य में एंट्री

गुजरात के नगरीय निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को मिली सफलता ने खासा उत्साहित कर दिया है। यही वजह है कि अब असदुद्दीन ओवैसी ने भोपाल के जरिए मध्य प्रदेश फतह की तैयारी शुरू कर दी है।

Asaduddin Owaisi’s AIMIM plans to contest civic polls in MP- India TV Hindi Image Source : PTI गुजरात के नगरीय निकाय चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM को मिली सफलता ने खासा उत्साहित कर दिया है।

भोपाल: मध्य प्रदेश का मौसम भले ही अभी गर्म न हो लेकिन सियासी पारा आसमान पर है। वजह है असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम कि मध्य प्रदेश में एंट्री। दरअसल मध्य प्रदेश में जल्दी नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में एआईएमआईएम ने राजधानी भोपाल के साथ इंदौर और दूसरे शहरों में भी अपने ऑफिस खोल कर मेंबरशिप ड्राइव शुरू कर दी है। गुजरात के नगरीय निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को मिली सफलता ने खासा उत्साहित कर दिया है। यही वजह है कि अब असदुद्दीन ओवैसी ने भोपाल के जरिए मध्य प्रदेश फतह की तैयारी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय के चुनाव में पार्टी को उतारने के लिए राजधानी भोपाल में कार्यालय भी खुल गया है।

दरअसल बीते महीने नगर निगम चुनाव के जरिए गुजरात में एंट्री करने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अहमदाबाद, गोधरा और मोडासा में भी एंट्री मार ली। ऐसे में मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद सत्ता में आई कांग्रेस के 15 महीनों में गिर जाने से एआईएमआईएम को लगता है कि मुसलमानों का कांग्रेस को दिया गया वोट बेकार गया। कांग्रेस ने हमेशा से तुष्टीकरण की राजनीति की है, मुसलमानों को वोट बैंक समझा है इसलिए वह मध्य प्रदेश में राजनीति में आए हैं।

ओवैसी की पार्टी बीते साल नवंबर में राज्य निर्वाचन आयोग में अपना पंजीयन करवाया था। साथ ही राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के तमाम मुस्लिम बहुल इलाकों में सर्वेक्षण किया था, संभावनाएं तलाशी थी उन शहरों की जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। अब पार्टी की कोशिश है ऐसे इलाकों में जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है वहां नगरीय निकाय चुनाव में उम्मीदवार उतारें, जीत हासिल हो तब विधानसभा चुनाव की तैयारी की जाए। 

वहीं बीजेपी मानती है कि ओवैसी की पार्टी कांग्रेस की देन है, अलगाववादी पार्टियों के लिए मध्य प्रदेश में जगह नहीं इसलिए ओवैसी हैदराबाद में ही रहे तो ठीक रहेगा। मध्य प्रदेश को बीजेपी का गढ़ और आरएसएस की लैबोरेट्री कहा जाता है ऐसे में ओवैसी की पार्टी की एंट्री से सियासत गरमाना तय थी। बीजेपी जहां ओवैसी की पार्टी को कांग्रेस की देन बता रही है तो कांग्रेस मानती है कि ओवैसी की पार्टी बीजेपी की बी टीम है और वोट कटवा साबित होगी।

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