भोपाल: भारत जोड़ो यात्रा के तहत मध्य प्रदेश आए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी राज्य में कांग्रेस के हालातों को जान गए हैं, ऐसा लगता है, तभी तो उन्होंने राज्य से विदा लेते वक्त प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मंच पर गले मिलवाने का काम किया। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं और मध्य प्रदेश में उनकी यह यात्रा 12 दिन रही। वह इस दौरान राज्य के 6 जिलों से होकर गुजरे और फिर वह राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर गए। राज्य से विदा लेकर राजस्थान में प्रवेश करने से पहले राहुल गांधी ने मंच पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को गले मिलने को कहा और फिर दोनों नेताओं ने ऐसा किया भी।
गिले-शिकवे खत्म करने के लिए होती है गले मिलने की रस्म अदायगी
आमतौर पर जब दो लोगों के बीच गिले-शिकवे बढ़ जाते हैं तो उन्हें खत्म करने के लिए गले मिलने की रस्म अदायगी होती है। इस नजारे ने यह संकेत तो दिए ही कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। यही कारण है कि राहुल गांधी को मंच पर ही दोनों नेताओं को गले मिलने को कहना पड़ा।
दो दिग्गज नेताओं के बीच बढ़ रही दूरियां
राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस चुनावों में बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं मगर गाहे-बगाहे दो दिग्गज नेताओं के बीच बढ़ती दूरियां कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिरती भी नजर आ जाती है। बीते कुछ दिनों में ऐसा हुआ भी है जब दोनों नेता अलग अलग राह पर चलते नजर आए, इससे कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर संदेश नहीं गया।
गले तो मिल लिए, क्या वाकई में दिल मिल पाए?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिली और डेढ़ दशक बाद सत्ता भी हासिल हुई मगर दिग्विजय सिंह के सत्ता के गलियारे में बढ़े दखल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नाराज कर दिया और पार्टी छोड़ने तक को मजबूर कर दिया। वर्तमान स्थिति से राहुल गांधी भी अवगत हैं ऐसा लगता है और यही कारण है कि उन्होंने दोनों नेताओं से गिले-शिकवे दूर करने के लिए गले मिलने को कहा है। दोनों नेताओं ने गले तो मिल लिया है क्या वाकई में दिल मिल पाए हैं यह बड़ा सवाल है।