बालाघाट: जिले में एक दुकान से खरीदे गए जूते के मामले में पीड़ित को 11 साल के बाद न्याय मिला है। दरअसल, पीड़ित व्यक्ति ने एक दुकान से 600 रुपये के जूते खरीदे थे। वहीं जूता खरीदने के दो दिन बाद ही उसके सोल अलग हो गए। इसके बाद पीड़ित ने दुकानदार से इसकी शिकायत की। दुकानदार ने जूते वापस लेने या पैसे रिफंड करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने उपभोक्ता फरम में शिकायत की। ग्यारह साल तक चले केस के बाद अब जाकर पीड़ित को न्याय मिला है। इसके साथ ही दुकानदार अब पीड़ित शख्स को जूते के 6 प्रतिशत पैनल्टी के साथ 3 हजार 40 रुपये का भुगतान करेगा।
फ्री में जूता बदलने से किया इनकार
पूरा मामला बालाघाट के वॉयसोवर का है, जहां के रहने वाले अपीलकर्ता शिवराज ठाकरे ने बताया कि उसने वर्ष 2013 में सुभाष चौक स्थित ज्योति फुट वेयर की दुकान से 600 रुपये में एक जूता खरीदा था। दो दिन बाद ही उस जूते का सोल अलग हो गया। जब शिवराज जूता बदलने के लिए दुकान पर पहुंचा तो दुकानदार ने फ्री में जूता बदलने से इनकार कर दिया। उसी कंपनी का दूसरा जूता बदलकर लेने की बात कहने पर दुकानदार अतिरिक्त रुपए की मांग करने लगा। इस पर ग्राहक और दुकानदार के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई। इसके बाद ग्राहक शिवराज ठाकरे सीधा उपभोक्ता फोरम बालाघाट पहुंच गया। यहां दो महीने तक चले प्रकरण में मामूली मुआवजा मिलने पर शिवराज संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इस प्रकरण की अपील राज्य उपभोक्ता फोरम भोपाल में कर दी।
11 साल तक चला केस
राज्य उपभोक्ता फोरम भोपाल में वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2024 तक चले इस प्रकरण में मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग भोपाल ने नगर के उक्त दुकानदार को गलत ठहराया। इसके साथ ही जूते की मूल राशि 600 रुपये के अलावा 6% वार्षिक ब्याज, शारीरिक एवं मानसिक क्षति के लिए 1000 रुपए और अपील क्षति के लिए 1000 रुपए सहित कुल 3 हजार 40 का भुगतान ग्राहक शिवराज ठाकरे को करने का आदेश दिया। इस आदेश के परिपालन में जिला उपभोक्ता आयोग बालाघाट ने दुकानदार से उक्त राशि लेकर ग्राहक शिवराज ठाकरे को सौंप दी है। वहीं 11 साल बाद मिले न्याय के बाद ग्राहक शिवराज ठाकरे ने खुशी जताई है। (इनपुट- शौकत बिसाने)
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