रायसेन: राजधानी भोपाल से 25 किलोमीटर दूर जिले में एक शराब की भट्टी में काम कर रहे कुल 59 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। इस संबंध में रविवार को एक विज्ञप्ति जारी की गई। इसमें बताया गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (PCPCR) ने बचपन बचाओ आंदोलन (BBA) के साथ मिलकर शनिवार को सोम डिस्टिलरी पर कार्रवाई की। दरअसल, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक टीम ने सोम डिस्टिलरी से 59 बच्चों को बचाया।
रसारनों से गल गए थे हाथ और तलवे
इंडिया टीवी की एक्सक्लूसिव पड़ताल में फैक्ट्री में काम करने वाले सभी बाल मजदूरों को ढूंढ निकाला गया। मामले में बच्चों के हाथों में हानिकारक रसायन और अल्कोहल से जलने के निशान पाए गए। इस काम के लिए बच्चों को महज 200 से 400 रुपये दिए जाते थे। नियोक्ता इन बच्चों को रोजाना स्कूल बस में भेजता था और उनसे प्रतिदिन 12-14 घंटे काम कराया जाता था।’’ वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी मामले का संज्ञान लिया और बड़ा एक्शन लेते हुए चार आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। बता दें कि ‘सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रूअरीज’ आईएसओ प्रमाणित कंपनियों का समूह है जो बीयर, आईएमएफएल (भारत निर्मित विदेशी शराब) और आरटीडी पेय पदार्थ का उत्पादन एवं आपूर्ति करती है।
प्रियंक कानूनगो की टीम ने कराया रेस्क्यू
दरअसल, प्रशासन की आंखों के नीचे मासूम बच्चों से शराब फैक्ट्री में काम करवाया जा रहा था। रसायनों के चलते बच्चों के हाथ और तलवे तक गल गए थे। वहीं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की टीम ने बच्चों को रेस्क्यू करवाया। उन्होंने बच्चों को गायब करने का आरोप भी लगाया। हालांकि इंडिया टीवी की एक्सक्लूसिव पड़ताल में शराब फैक्ट्री में काम करने वाले नाबालिक बच्चों को ढूंढ निकाला गया। बता दें कि दो दिन पहले भी बीबीए की शिकायत पर एनसीपीसीआर ने रायसेन जिले के मंडीदीप कस्बे के तीन कारखानों से 36 बच्चों को मुक्त कराया था।
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