इंदौर: मध्य प्रदेश के भोपाल के एक सरकारी अस्पताल से रेमडेसिविर की 863 शीशियां चोरी होने का प्रकरण अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इंदौर के एक निजी अस्पताल से इस दवा की 133 शीशियां कथित तौर पर चुराए जाने का मामला सामने आया है। ये मामले ऐसे वक्त सामने आए हैं, जब कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली रेमडेसिविर की सूबे में बड़ी किल्लत है और इसकी कालाबाजारी के आरोप में लगातार लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
इंदौर के तुकोगंज थाने के प्रभारी कमलेश शर्मा ने बुधवार को बताया कि शहर के शैल्बी हॉस्पिटल की दवा दुकान के कर्मचारी भूपेंद्र शैलीवाल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 381 (कर्मचारी द्वारा नियोक्ता के कब्जे की संपत्ति की चोरी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया, "निजी अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि शैलीवाल ने दवा दुकान से रेमडेसिविर की 133 शीशियां चुराकर अपने स्तर पर ग्राहकों को ऊंचे दामों पर बेच दी।"
शर्मा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक रेमडेसिविर की शीशियां चुराए जाने की यह घटना पांच अप्रैल से पहले की है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और फिलहाल नामजद आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
थाना प्रभारी के मुताबिक अस्पताल की दवा दुकान के अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि भोपाल के शासकीय हमीदिया अस्पताल से रेमडेसिविर की 863 शीशियां चोरी होने को लेकर हाल ही में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।