अगर आपको भी घूमने-फिरने का शौक है तो आप भी हिल स्टेशन्स जाने का प्लान भी बनाते रहते होंगे। शिमला हो या फिर मसूरी या फिर भारत का कोई और हिल स्टेशन हो, सभी जगहों पर मॉल रोड कॉमन है। टूरिस्ट्स अक्सर मॉल रोड से अलग-अलग चीजों की शॉपिंग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के ज्यादातर हिल स्टेशन्स पर अंग्रेजों ने मॉल रोड बनवाए थे? अंग्रेजों ने जिस वजह से इन्हें बनवाया था वो वाकई में काफी ज्यादा इंटरेस्टिंग है।
मॉल रोड का इतिहास
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मॉल रोड बनवाने का मकसद सिर्फ शॉपिंग और खान-पान नहीं था। अंग्रेजों ने गर्मी से बचने के लिए मॉल रोड बनवाए थे। 18वीं शताब्दी में, ब्रिटिश अधिकारी भारत के हिल स्टेशन्स में गर्मियों में रिलैक्स करने के लिए आते थे। ब्रिटिश राज में मॉल शब्द का इस्तेमाल एक ऐसी सड़क के लिए किया जाता था, जहां पर सैर की जा सके।
शहर का केंद्र
मॉल रोड्स का निर्माण ब्रिटिश अधिकारियों के लिए किया गया था और ये सड़क शहर के केंद्र में स्थित होती थी। शाम के समय ब्रिटिश अधिकारी और उनके परिवार के सदस्य टहलने के लिए आते थे। मॉल रोड्स के पास बने होटल, रेस्टोरेंट और दूसरी सुविधाएं भी होती थीं। हालांकि, भारत की आजादी के बाद मॉल रोड्स स्थानीय लोगों के लिए भी एक जरूरी केंद्र बन गईं। समय के साथ-साथ मॉल रोड्स पहाड़ी इलाकों की पहचान बन चुकी हैं।
मॉल रोड्स के फायदे
हिल स्टेशन्स पर बनी मॉल रोड्स स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी ज्यादा बढ़ावा देती हैं। मॉल रोड्स देश-विदेश से आए टूरिस्ट्स को आकर्षित करती हैं। इसके अलावा मॉल रोड्स की मदद से टूरिस्ट्स को हिल स्टेशन की स्थानीय संस्कृति के बारे में भी बहुत कुछ पता लगता है।
ये भी पढ़ें:
क्या तिरुपति में कोई एयरपोर्ट है? Tirupati Balaji मंदिर दर्शन करने के लिए सबसे तेज रूट कौन सा है
भारत का ऐसा खतरनाक गांव, जहां पर पाले जाते हैं कोबरा, सांपों के गांव के नाम से मशहूर
तनाव से छुटकारा पाने के लिए घूम आएं भारत के ये गांव, खूबसूरती देखते ही दिल के कोने-कोने में भर जाएगा सुकून
Latest Lifestyle News