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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा धरती पर स्वर्ग, उत्तराखंड में यहां स्थित है फूलों की घाटी, हर 15 दिन में बदलता है फूलों का रंग

धरती पर स्वर्ग, उत्तराखंड में यहां स्थित है फूलों की घाटी, हर 15 दिन में बदलता है फूलों का रंग

Valley Of Flowers Uttarakhand: धरती पर स्वर्ग देखना है तो उत्तराखंड की फ्लावर वैली घूमने का प्लान बना लें। 1 जून से 31 अक्टूबर तक फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए गुलजार रहती है। यहां की खूबसूरती आपको दीवाना बना देगी। जानिए कहां है फूलों की घाटी?

फूलों की घाटी, उत्तराखंड- India TV Hindi Image Source : FREEPIK फूलों की घाटी, उत्तराखंड

प्रकृति के करीब जाते ही मन खुशनुमा हो जाता है। गमले में खिले एक फूल को देखते ही दिल को सुकून मिलने लगता है। अब जरा सोचिए आपको फूली की पूरी घाटी नज़र आए तो तन-मन को कितना अच्छा महसूस होगा। अगर आप फूलों के शौकीन है तो कभी फूलों की घाटी घूमने का प्लान बना लें। पहाड़ों की गोद में बसी ये घाटी दिखने में बेहद खूबसूरत लगती है। दूर-दूर तक सिर्फ आपको रंग-बिरंगे फूल दिखाई देंगे। ये जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली की जहां फूलों की घाटी यानि ‘फ्लावर ऑफ वैली’ स्थित है। ये घाटी साल में 3-4 महीने के लिए ही खुलती है। जून से अक्टूबर तक यहां प्रकृति प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

आपको बता दें, फूलों की ये घाटी विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में  भी शामिल है। अगर आपको किसी खूबसूरत सी जगह ट्रैकिंग करने का प्लान बनाना है तो उसके लिए फ्लावर ऑफ वैली अच्छी जगह हो सकती है। यहां आपको भरपूर शांति मिलेगी और आप प्रकृति का मजा भी ले पाएंगे।

Image Source : FreepikFlowers

500 से भी ज्यादा है फूलों की किस्म

फूलों की घाटी 87.5 वर्ग किमी में फैली हुई है। हर साल यहां दुनियाभर से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। करीब 500 से ज्यायादा फूलों की प्रजातियां इस फूलों की घाटी में मौजूद हैं। जिसमें कई विदेशी फूल भी शामिल हैं। इस घाटी की खोज वनस्पति शास्त्री फ्रेक सिडनी स्माइथ ने की थी। जब वो पर्वतारोहण से वापस लौट रहे थे तो रास्ता भूलकर फूलों की घाटी पहुंच गए थे। इस जन्नत जैसी खूबसूरत जगह को देखकर वो मंत्रमुग्ध हो उठे थे। फ्रेक एडिनेबरा बाटनिकल गार्डन ने 1937 में इस घाटी में आकर रुके और उन्होंने वैली और फ्लावर्स पर किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने लिखा है कि घाटी में हर 15 दिन में फूलों का रंग बदलता हुआ नजर आता है।

Image Source : FreepikValley Of Flowers

​कैसे पहुंचे फूलों की घाटी ​

1 जून से लेकर 31 अक्टूबर तक फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली रहती है। अगर आपको चमोली की इस खूबसूरत जगह पर पहुंचना है तो बद्रीनाथ हाइवे से गोविंदघाट के लिए जाना होगा। यहां से 3 किमी सड़क यात्रा करके पुलना तक जाना है फिर 11 किमी पैदल ट्रेकिंग करके हेमकुंड यात्रा के बेस कैंप से होते हुए घाघरिया तक जाना होगा। यहां से 3 किलोमीटर दूर स्थित है फूलों की घाटी। यहां कोई दुकान नहीं हैं इसलिए आपको बेस कैंप घांघरिया से ही अपने जरूरी सामान खरीदकर ले जाने होंगे। भारतीयों को 150 रुपए और विदेशियों को 600 रुपए बतौर रजिस्ट्रेशन फीस देने होंगे।

 

 

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