महाशिवरात्रि पर अगर आपको उज्जैन के महाकालेश्वर के दर्शन करने जाने का मन है तो प्लान बना सकते हैं। महाकाल बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल का मंदिर है। दुख और संकट को हरने वाले भोले शंकर के भक्त दुनियाभर से यहां पहुंचते हैं। अगर आप अभी तक महाकाल के दर्शन करने नहीं गए हैं तो प्लान बना सकते हैं। आइये जानते हैं उज्जैन तक का सफर आप कैसे कर सकते हैं। महाकाल के मंदिर में क्या नियम हैं और आप कैसे दर्शन कर सकते हैं?
कैसे पहुंच सकते हैं महाकाल उज्जैन
दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के पास उज्जैन पहुंचने के लिए बस, ट्रेन और फ्लाइट तीनों विकल्प हैं। बजट और आराम के हिसाब से ट्रेन का सफर अच्छा है। नई दिल्ली से इंदौर सुपरफास्ट एक्सप्रेस लेकर सुबह 06:45 पर आप इंदौर पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से आप मंदिर तक पहुंचने के लिए बस या फिर टैक्सी ले सकते हैं।
उज्जैन में मंदिरों के दर्शन
हरसिद्धी माता मंदिर
बड़ा गणेश मंदिर
महाकाल मंदिर
काल भैरव मंदिर
गढ़कालिका मंदिर
हरसिद्धी माता मंदिर
महाकाल में वीआईपी दर्शन
अगर समय कम है तो आप मंदिर की भीड़ से बचकर वीआईपी दर्शन भी कर सकते हैं। बड़ा गणेश मंदिर के पास में ही टिकट काउंटर है जहां से आपको 250 रुपये का टोकन मिलेगा और वीआईपी प्रवेश द्वार से आप दर्शनों के लिए पहुंचेंगे।
महाकाल मंदिर के नियम
महाकाल के मंदिर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल परिसर में वर्जित है। गर्भगृह में दर्शनों के लिए पुरुषों को धोती कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। आप वेस्टर्न कपड़ों में मंदिर के अंदर नहीं जा सकते हैं। आम दिनों में दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक लोगों के लिए मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति होती है। इसी हिसाब से अपने दर्शनों के लिए प्लान करें।
काल भैरव मंदिर के दर्शन
कहा जाता है कि महाकालेश्वर के दर्शन के बाद कालभैरव के दर्शन करना भी जरूरी होता है। इसके बिना आपकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। कालभैरव महाकाल मंदिर से 5 किलोमीटर दूर है।
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