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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा भारत ही नहीं एशिया का सबसे अमीर है हिमाचल प्रदेश का ये गांव, एक परिवार 1 करोड़ से भी ज्यादा कमाता है

भारत ही नहीं एशिया का सबसे अमीर है हिमाचल प्रदेश का ये गांव, एक परिवार 1 करोड़ से भी ज्यादा कमाता है

गांव में रहकर भी करोड़ों की कमाई की जा सकती है। हिमाचल प्रदेश में एक गांव ऐसा है जहां हर परिवार सालाना 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई करती है। प्रकृति की गोद में बसे इस गांव की चर्चा दुनियाभर में होती है। जानिए इस गांव में क्या है खास?

एशिया का सबसे अमीर गांव- India TV Hindi Image Source : SOCIAL एशिया का सबसे अमीर गांव

हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां की हसीन वादियां, बर्फ से ढके खूबसूरत पहाड़ और सेब के बागान सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं। शिमला से लेकर कुल्लू मनाली तक हिमाचल प्रदेश के फेमस टूरिस्ट प्लेस हैं। इन जगहों पर सैलानियों की अच्छी भीड़ नज़र आती है। अगर आपको कुछ अलग और शांत जगह को एक्सप्लोर करना है तो आप हिमाचल प्रदेश के सबसे अमीर गांव मड़ावग का रुख कर सकते हैं। कुफरी से दूरबीन के जरिए मड़ावग गांव को दिखाया जाता है। ये गांव भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे अमीर गांव है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव का हर परिवारा सालाना 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई करता है। आप यहां सेब के बागान और नेचुरल ब्यूटी को इंजॉय कर सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से मड़ावग गांव (Madavag Village) करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित है। इस गांव में उच्‍च क्‍वालिटी के सेब का उत्‍पादन किया जाता है। इस गांव के लोग हर साल करीब 175 करोड़ के सेब बेचते हैं। यहां पैदा होने वाला सेब विदेशों में भेजा जाता है। यहां रहने वाले परिवार हर साल करोड़ों की कमाई करते हैं।

सेब की खुशबू सैलानियों को खींच लाती है

इस गांव में घूमने के लिए लोग पहुंचते हैं। यहां के खूबूसरत सेब के बागान लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र हैं। इस गांव में पहुंचकर आपको ऐसा लगेगा जैसे प्रकृति ने इसे अपनी गोद में बिठा रखा हो। यहां की खूबसूरत पहाड़ियां सैलानियों और सेब की खुशबू सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। मड़ावग गांव में एक से एक शानदार घर और लाखों की गाड़ियां लोगों के पास मौजूद हैं। ये सब यहां के लोगों ने अपनी मेहनत और सेब की खेती करके जुटाया है। यहां के किसान सेब की पैदावार करने के लिए बर्फबारी के दिनों में और बारिश के दिनों में जीतोड़ मेहनत करते हैं।

1953 में मड़ावग में लगा था पहला सेब का बगीचा

मड़ावग में किसान पहले आलू की खेती किया करते थे, लेकिन 1953-54 के बीच यहां पहला सेब का बाग लगाया गया था। यहां के लोगों को सेब की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। धीरे-धीरे पूरा गांव सेब की खेती करने लगा और सेब की बहतरीन पैदावार मड़ावग में होने लगी। साल 2000 के बाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मड़ावग के सेब को खास पहचान मिली।
 

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