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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा जन्माष्टमी पर नहीं घूमें राधा रानी की नगरी तो मथुरा-वृन्दावन की सैर रह जाएगी अधूरी, चप्पे चप्पे पर दिखेगी राधा-कृष्ण की प्रेम गाथा, जानें कैसे पहुंचे?

जन्माष्टमी पर नहीं घूमें राधा रानी की नगरी तो मथुरा-वृन्दावन की सैर रह जाएगी अधूरी, चप्पे चप्पे पर दिखेगी राधा-कृष्ण की प्रेम गाथा, जानें कैसे पहुंचे?

श्रीकृष्ण के दीवाने मथुरा और वृंदावन जाकर उनके दर्शन करते हैं। लेकिन यहीं एक ऐसी जगह है जहाँ के दीवाने स्वयं श्री कृष्ण रहे हैं क्योंकि यहां उनकी राधा रानी का जन्म हुआ था। चलिए हम आपको बताते हैं वो कौन सी जगह है?

बरसाना कैसे पहुंचे - India TV Hindi Image Source : SOCIAL बरसाना कैसे पहुंचे

मथुरा और वृंदावन श्रीकृष्ण की नगरी है। यहीं जाकर श्रीकृष्ण के दीवाने और भक्त उनके दर्शन करते हैं। लेकिन मथुरा और वृन्दावन में एक ऐसी जगह है जहाँ के दीवाने स्वयं श्री कृष्ण रहे हैं। इस जगह जाकर कृष्णा ने खूब रास लीला रचाई है। इस जगह को कृष्णा नहीं बल्कि राधा रानी के नाम से जाना जाता है। जिस जगह की हम बात कर रहे हैं वो है बरसाना...यहीं पर राधा रानी का जन्म हुआ था। मथुरा से बरसाना की दूरी तकरीबन 50 और वृंदावन से इसकी दूरी तकरीबन 43 किलोमीटर है। बरसाना ब्रज भूमि क्षेत्र में आता है जहाँ भक्त सिर्फ़ राधा रानी के दर्शन करने जाते हैं। बरसाना की गलियों में आपको कृष्ण और राधा का प्रेम चप्पे चप्पे पर महसूस होगा। चलिए हम आपको बताते हैं आप बरसाना जाकर कहां घूम सकते हैं।

बरसाना में कहां घूमें?

  • राधा रानी मंदिर:  बरसाना में श्रीजी मंदिर जिसे राधा रानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर्यटक इस भव्य मंदिर को देखने दूर दूर से आते हैं।राधा जी का जन्म यही हुआ था इसलिए यह मंदिर उन्हीं को समर्पित है।इस मंदिर में राधा और कृष्ण के दर्शन करने के लिए आपको  लगभग 200 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर के अंदर दीवारों पर राधा और कृष्ण की कई पेंटिंग हैं।

  • दान बिहारी मंदिर: दान बिहारी मंदिर श्री राधा रानी मंदिर से लगभग 600 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर आस-पास के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में एक भक्त था जिसे अपनी बेटी की शादी के लिए धन की आवश्यकता थी और भगवान कृष्ण ने राधा के वजन के बराबर धन इकट्ठा किया और उसे जरूरतमंद ग्रामीण को दान कर दिया। इस घटना के बाद, इस स्थान पर दान बिहारी मंदिर की स्थापना की गई.

  • कीर्ति मंदिर: बरसाना स्थित कीर्ति मंदिर को रंगीली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। शहर के बीचों-बीच स्थित कीर्ति मंदिर राधा की दिव्य मां कीर्ति मैया को समर्पित है, जिनके नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया है। यह पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें राधारानी की मूर्ति उनकी मां की गोद में बैठी हुई है। यह मंदिर रंगीली महल के ठीक बगल में स्थित है। 

  • जुगल किशोर मंदिर: बरसाना में स्थित जुगल किशोर मंदिर के नाम से एक और खूबसूरत मंदिर है। यह आसपास के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह लाल बलुआ पत्थर से बनी है और केशी घाट के ठीक सामने स्थित है और इसलिए इसे केशी घाट मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

  • प्रेम सरोवर: नंद गांव और बरसाना के बीच प्रेम सरोवर है। धार्मिक पुराण के अनुसार एक बार राधा यहां कृष्ण से मिलने आई थीं लेकिन उस दिन कृष्ण नहीं आए। तब राधा रोने लगी और उनके आंसुओं की धारा से इस सरोवर का निर्माण हुआ था.

कैसे पहुंचें बरसाना?

अगर आप मथुरा और वृंदावन गए हैं तो वहां से बरसाना ज़्यादा दूर नहीं है। मथुरा से राधा रानी मंदिर से लगभग 50 किमी दूर है। तो वहीं, वृंदावन से बरसाना की दूरी लगभग 47 किलो मीटर है। यहां जाने के लिए आपको आसानी से बस और टैक्सी मिल जाएगी। 

 

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