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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा मथुरा वृंदावन जाने वाले एक बार जरूर जाएं ब्रह्मांड घाट, अद्भुत सौंदर्य और दैवीय सुख का होगा अनुभव

मथुरा वृंदावन जाने वाले एक बार जरूर जाएं ब्रह्मांड घाट, अद्भुत सौंदर्य और दैवीय सुख का होगा अनुभव

Tourist Place Near Mathura Vrindavan: अगर आप मथुरा वृंदावन घूमने का प्लान कर रहे हैं तो एक बार ब्रह्मांड घाट के दर्शन जरूर कर लें। यहां की गली गली में आपको कान्हा के बचपन की यादें मिल जाएंगी। यमुना किनारे बैठकर आप सुकून के पल बिता सकते हैं। यकीन मानिए इस जगह से आपको प्यार हो जाएगा।

मथुरा के आसपास घूमने की जगह- India TV Hindi Image Source : SOCIAL मथुरा के आसपास घूमने की जगह

बृजभूमि में सिर्फ मथुरा वृंदावन ही नहीं कई ऐसे दूसरे तीर्थ स्थान भी हैं जहां आपको परम दैवीय सुख का अनुभव होगा। बृज की प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक दृश्य आपको दीवाना बना देंगे। एक बार जो कान्हा की नगरी से दिल लगा बैठता है वो यहां की गलियों के चक्कर काटता रहता है। सिर्फ मथुरा वृंदावन ही नहीं बल्कि आसपास ऐसे कई खूबसूरत स्थल हैं जहां आपको आस्था के साथ प्राकृतिक नजारे भी देखने को मिलेंगे। ऐसी ही खूबसूरत जगह है मथुरा से 15 किलोमीटर दूर ब्रह्मांड घाट। अगर आप मथुरा घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ब्रह्मांड घाट जरूर जाएं। यमुना नदी का ये तट आपके दिल में बस जाएगा।

ब्रह्मांड घाट में दिखेंगी कान्हा के बचपन की यादें

ब्रह्मांड घाट गोकुल में पड़ता है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन बिताया था। गोकुल की गलियों में कान्हा के बचपन की लीलाएं आज भी देखी जा सकती हैं। यमुना नदी के किनारे ब्रह्मांड घाट है। ये वही जगह है जहां भगवान कृष्ण ने मिट्टी खाई थी और जब मां यशोदा ने मुंह खोलने के लिए कहा तो उन्हें कृष्ण के मुंह में पूरा ब्रह्मांड नजर आया था। ये जगह आज भी कृष्ण के बचपन की याद दिलाती है।

यमुना किनारे बैठकर मिलेगी शांति

ब्रह्मांड घाट न सिर्फ धार्मिक महत्व से जाना जाता है बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए ये बेहतरीन जगह है। यमुना का पानी और उसके शोर के बीच दूर-दूर तक यहां शांति नजर आती है। पशु-पक्षियों के कलकल करने की आवाज सुनाई देती है। ब्रह्मांड घाट पर बैठकर खूबसूरत नजारे देखना आपको काफी पसंद आएगा।

मथुरा के पास अन्य तीर्थ स्थल

ब्रह्मांड घाट के अलावा गोकुल के पास रमणरेती है जहां आप घूमने जा सकते हैं। यहां भगवान कृष्ण ने रेत में लोट लगाई थी। इससे थोड़ी दूरी पर ही कान्हा के बड़े भाई बलदाऊजी यानि बलराम का मंदिर है। यहां बलदाऊ अपनी पत्नी के साथ विराजमान है। इस मंदिर की आसपास के क्षेत्र में काफी मान्यता है। 

 

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