कच्छ के रण में खास होता है International Kite Festival, जानें कहां, कब और क्या पहन कर जाना है
Kite Festival in Kutch: कच्छ रण उत्सव हमेशा से प्रसिद्ध रहा है लेकिन, इस बार आपको अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव के लिए यहां जाना चाहिए। ये गुजरात के बाकी 9 शहरों में होने वाले nternational Kite Festival की तुलना बेहद अलग होता है।
जनवरी में आप कहीं घूमने का सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले गुजरात जाने की प्लानिंग करनी चाहिए। दरअसल, यहां 8 से 14 जनवरी तक अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव (International Kite Festival 2024) मनाया जा रहा है जहां आपको तमाम देश-विदेश के लोग अपनी पतंगबाजी की कला दिखाते नजर आएंगे। ये खास और अलग इसलिए भी है क्योंकि इस दौरान यहां अलग-अलग प्रकार के पतंग देखने और उड़ाने को मिलेंगे। इतना ही नहीं आप इस दौरान यहां पूरे गुजरात के सांस्कृतिक रंग को देख सकते हैं और यहां पहनावे, खान-पान और संगीत व कला का लुत्फ़ उठा सकते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि इस महोत्सव का आयोजन गुजरात के अलग-अलग 9 शहरों में किया जा रहा है, जिसमें से एक कच्छ (Kite Festival in Kutch)
कच्छ के रण में क्यों खास होता है अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव?
कच्छ के रण में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव इसलिए भी खास है क्योंकि कच्छ का रण ही अलग और बेहद सुंदर है। दरअसल, यह दुनिया के सबसे बड़े नमक के रेगिस्तानों में से एक है। कच्छ का मतलब होता है कछुवा और रण मतलब रेगिस्तान, ये नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि दुनिया के नक्शे पर ये उल्टा कछुवा जैसे दिखता है। साथ ही ये एक समुद्र की तरह नजर आता है।
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कब और कैसे पहुंचे कच्छ का रण
कच्छ के रण में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव के लिए आपको दिल्ली से पालनपुर जंक्शन के लिए ट्रेन लेनी है। फिर गांधीधाम तक बस से जाएं और फिर कच्छ तक कैब से जाएं। इसमें 25 घंटे 59 मिनट लगते हैं। फिर यहां से आपको होडका गांव जाना है जहां आपको रहने की जगह मिल जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव में क्या पहनें
पारंपरिक कच्छ के पोशाक मिलेंगे जिन्हें आपको पहनना है और इस महोत्सव में शामिल होना है। कच्छ की पोशाकें अनोखी होती हैं और कुछ कढ़ाई बहुत महंगी होती हैं। वास्तव में विभिन्न समुदायों की पहचान उनके हस्तशिल्प और पहनावे या वेशभूषा के पैटर्न से की जा सकती है। उदाहरण के लिए, गरासिया जाट महिलाएं केवल लाल या काली चुनियां पहनती हैं जबकि रबारी महिलाएं सिर ढकने के लिए ओढ़नी के साथ काले खुले ब्लाउज या चोली पहनती हैं।
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ग्रामीण इलाकों में महिलाएं पूरे साल चनिया चोली पहनती हैं, चनिया चोली कई डिजाइन और फैशन की होती हैं। विशिष्ट कच्छी पोशाक 'आभा' या 'कंजरी' के बिना अधूरी है। 'आभा' महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली विशिष्ट चोली का नाम है और 'कंजरी' खूबसूरती से कढ़ाई किया हुआ और शीशे के काम वाला एक लंबा ब्लाउज है। कच्छ में अधिकांश पुरुष ढीली पतलून, लंबी बाजू वाली अंडर-जैकेट, छोटा कोट पहनते हैं। आम तौर पर पुरुष सफेद कपड़े पसंद करते हैं। हालांकि, आप अपने मन के कपड़े भी पहन सकते हैं लेकिन इस ड्रेस कोड में आप ज्यादा अच्छे लगेंगे।
उत्तरायण उत्सव में क्या है खास
इसके अलावा आप यहां पतंगों, संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ जीवंत उत्तरायण उत्सव का अनुभव करेंगे। इसके अलावा यहां आपको सांस्कृतिक कार्यक्रम, रात्रि भोज और रात्रि विश्राम के लिए विशेष तैयारियां मिलेंगे। तो, प्लान करें और अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव में कच्छ के रण जाएं।