A
Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा होली 2024: दाऊजी का हुरंगा के सामने मथुरा की होली लगेगी फीकी, जमकर कोड़े बरसाती हैं हुरियारिन

होली 2024: दाऊजी का हुरंगा के सामने मथुरा की होली लगेगी फीकी, जमकर कोड़े बरसाती हैं हुरियारिन

Dauji Ka Huranga: बृज की होली देखनी है तो सिर्फ नंदगांव और बरसाने की होली ही नहीं बल्कि दाऊजी का हुरंगा भी जरूर देखने जाएं। होली से अगले दिन बल्देव में इसका आयोजन होता है। बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी हुरंगा देखने पहुंचते हैं।

दाऊजी का हुरंगा- India TV Hindi Image Source : SOCIAL दाऊजी का हुरंगा

मथुरा की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। नंदगांव और बरसाने की होली देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान भी कान्हा की नगरी मथुरा पहुंचते हैं। अगर आप होली पर मथुरा वृंदावन जा रहे हैं तो दाऊजी का हुरंगा देखने जरूर जाएं। होली से अगल दिन यानि इस बार 26 मार्च को दाऊजी में हुरंगा का आयोजन किया जाएगा। मथुरा से सिर्फ 22 किलोमीटर दूरी पर है बल्देव यानि भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊजी का मंदिर। यहां गजब की होली खेली जाती है। दाऊजी की कोड़े मार होली देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगते हैं। दाऊजी के पंडा और उनकी पत्नियां हुरंगा में हिस्सा लेती हैं। हुरियारिनें यहां गोपिकाओं के जैसे परिधान पहनकर होली खेलने वाले पुरुषों पर जमकर कोड़े बरसाती हैं। 

दाऊजी का हुरंगा 

Image Source : Socialदाऊजी का हुरंगा

दाऊजी के हुरंगा में नायक शेषावतार श्री दाऊजी महाराज होते हैं। दाऊजी के हुरंगा की परंपरा है। पुरुष गोप समूह और महिलाएं गोपिका के रूप में सज-धजकर पहुंचती हैं। सभी प्रेम के रंगों से भीगते हुए होली खेलते हैं। जब गोप अपनी गोपिकाओं को छेड़ते हैं तो वो उनपर जमकर कोड़े बरसाती हैं। भीगे बदन पर कोड़े की मार भी प्यार के सामने कम लगने लगती है। हालांकि होली का ये दृश्य श्रद्धालु को खूब आनंदित करता है।

रंग-अबीर से सराबोर हो जाते हैं भक्त 

Image Source : Socialदाऊजी का हुरंगा

होली के लिए यहां महीनों पहले तैयारियां शुरू हो जाती हैं। बड़ी बड़ी मशीनों से रंग अबीर और गुलाल उड़ाया जाता है। होली के लिए यहां टेसू के फूलों के रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा हवा में गुलाब की पत्तियां उड़ती हुई श्रद्धालुओं पर गिरती रहती हैं। हुरंगा वाले दिन दाऊजी महाराज के दर्शनों के लिए सुबह 4 बजे से ही मंदिर के कपाट खुल जाते हैं। सुबह से ही मंदिर में भक्तों को पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है। हुरंगा का आयोजन दोपहर तक चलता है।

मथुरा-वृंदावन जा रहे हैं तो इन 5 जगहों पर भी घूमकर आएं, एक तो है ऋषिकेश से भी खूबसूरत

Latest Lifestyle News