नई दिल्ली: भारत में कई ऐसे किले है। जो कि अपने रहस्य और सुंदरता के कारण लोकप्रिय है। इन्हीं में से एक महल है। मदन महल किला। जो कि किसी राजा ने 11वीं शताब्दी में अपनी शानों शौकत के लिए, लेकिन युद्ध और हमलों के कारण इसका इस्तेमाल सेनाएं एक वॉच टावर के रूप में करने लगी।
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खंडहर में तब्दील हो चुके इस किले के बारे में यह कहानी प्रचलित है कि यहां सोने की ईटें गड़ी हैं। जिसे खोजने कई लोग खुदाई तक कर चुके हैं। इसके साथ ही यहां रोग अपना डेरा जमाएं रहते है। माना जाता है कि इन ईंटो की रक्षा एक साया करता है। इस बारें में कितनी सच्चाई है ये नहीं कहा जा सकता है। जिसके कारण ये आज तक किसी के हाथ नहीं लगी। जानिए इन महल के बारें में कुछ रोचक तथ्य।
क्या है ये किला
यह किला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित मदन महल की। इसका निर्माण लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा करवाया गया था। यह किला राजा की मां रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है, जो कि एक बहादुर गोंड रानी के रूप के जानी जाती है।
प्रचलित कथाओं के अनुसार गोंड राज्य पर लगातार मुगलों द्वारा हमले किए जा रहे थे, जिस कारण इस किले को उस वक्त वॉच टावर के रूप में तब्दील कर दिया गया।
अब भी भटकता है साया
इस बारें में यहां के लोग कहते है कि बरसों पहले यहां पर किसी ने एक साया को घूमते हुए देखा था। इसके साथ ही रात होते-होते यहां पर डरावनी आवाजे आने लगती है। जिसके कारण लोग यहां रात को जाने से डरते है। इस बात में कितनी सच्चाई है ये नहीं कहा जा सकता है। इन दिनों ये किला अपराधिक गतिविधि और नशाखोरों के रुप में तब्दील हो गया है।
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