नई दिल्ली: खजुराहो, मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले का एक प्रमुख शहर है, जो काफी समय से प्राचीन एवं शानदार मंदिरो के लिए पूरे विश्व मे चर्चित हैं। खजुराहो मंदिर की बेहतरीन एवं आश्चर्यजनक मूर्तियां पर्यटको को अपनी तरफ ध्यान खिंचती है। खजुराहो मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
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खजुराहो में स्थित अनोखे आकार मे बनाए हुए सभी मंदिर भारत देश के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। यहां के सभी मंदिरो को भारतीय कला एवं खूबसूरत पत्थरों से नवाजा गया है। खजुराहो के मंदिरो की कलाकारी देखकर कोई भी उसे बनाने वाले की तारीफ करना चाहेगा। खजुराहो के चंदेल राजाओं दवा्रा बनाई गई हर एक मंदिरो में इतनी अच्छी कलाकारी कि गई है जिसे देख एसा लगता मानो मूर्तिया खुद ही बोल उठेंगी।
खजुराहो के मूर्तियों से जुडी ऐसी बहुत सी बातें भी हैं जिनको जानकर आपकी उत्सुकता और भी बढ़ जाएगी। आखिर इस खजुराहों में ऐसा क्या खास है। जानिए खजुराहो के मंदिरों के बारे में कुछ खास बातें जिन्हें आप शायद ही जानते होगे।
खजुराहो नाम कैसे पड़ा ?
खजुराहो शहर का नाम 'खजुराहो' इसलिए रखा गया क्योकि यह शहर प्राचीन समय में खजुर के पेड़ो से घिरा हुआ रहता था। उस समय में इस शहर को खजुरपुरा नाम से जाना जाता था। जो बाद में खजुराहों नाम से जाना जाने लगा।
बालुई पत्थरो से बना है यह मंदिर
खजुराहो के अधिकतर मंदिरो को बादामी, गुलाबी और पीले रंगो के बालुई पत्थरो से आकार दिया गया है। जो देखने में बहुत ही सुंदर और अपनी ओर आकर्षित करते है।
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