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इंद्रा ने कहा, "किताबों से अच्छा और सच्चा दोस्त और कोई नहीं होता। बच्चों में कम होती पढ़ने की आदत दुनियाभर में चिंता का विषय है। पढ़ने की आदत बच्चे की शिक्षा में केंद्रबिंदु की तरह होती है और यह बच्चे को स्कूल के बाद की जिंदगी के लिए तैयार होने का अवसर देती है। यह बच्चों को भावनात्मक तौर पर, सामाजिक तौर पर, बुद्धिमता के स्तर पर और सांस्कृतिक स्तर पर विकसित होने में मदद करती है।"
उन्होंने कहा, "अगर आपका बच्चा 3 से 5 साल की उम्र का है, तो मैं जानती हूं कि आपके पास करने को बहुत कुछ है। इन प्यारे, नन्हे बदमाशों को किसी चीज में व्यस्त करना एक कठिन काम है। मुझ पर विश्वास कीजिए, जब मैं कहती हूं कि कोडिंग कोई रॉकेट साइंस नहीं है और आपका नन्हा शैतान खेल खेल में कोड सीख सकता है।"
उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में हम बच्चों को पूरी तरह स्क्रीन से अलग नहीं कर सकते, लेकिन हम यह कोशिश और सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका समय उत्पादकता से भरपूर हो जिसमें वे कुछ सही और सार्थक सीख सके । अगर आपका बच्चा 5 साल से अधिक उम्र का है तो उनके लिए आज कई कोडिंग क्लब्स मौजूद हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि कोडिंग मजेदार और इंटरेक्टिव हो।
इंद्रा ने कहा, "परिजनों और शिक्षाविदों, यह हमारा दायित्व है कि हम इंटरेक्टिव लर्निग का सु²ढ़ रास्ता बनाएं और बच्चों को रटंत पद्धति के रास्ते से दूर ले जाएं।"
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