चिरकुल बाला जी भारत का दूसरा ऐसा मंदिर है जो भारत सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं। इस मंदिर का रखरखाव और खर्च यहां आनें वाले यहां भक्तों से ली गई पार्किंग फीस से किया जाता है। भारत में इस मंदिर के आलावा गुजरात के राजकोट का जलाराम मंदिर है जहां पर कोई चढ़ावा या दान नही लिया जाता है।
ये मंदिर हैदराबाद का सबसे पुराना मंदिर है। इस मंदिर को भक्त रामदास के चाचा ने बनवाया था। मान्यता है कि अगर भक्त राजस्थान के तिरुपति बाला जी नही जा पाता तो वह यहां के चिरकुल बाला जी के दर्शन मात्र से तिरुपति के बराबर का फल मिलता है। हर साल यहां पर लाखों की तादात में श्रृद्धालु आते है और अपनी मनोकामनाओं के लिए पूजा-अर्चना करते है।
माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित वेंकटेश्वर प्रतिमा पृथ्वी से स्वंय निकली है और इसकी खासियत है कि भूदेवी और श्रीदेवी के साथ वेंकटेश्वर भगवान विराजमान है। इस मंदिर को वीजा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम के पीछे भी एक रहस्य है। कहा जाता है कि अगर आपको विदेश यात्रा में जाना है, लेकिन वीजा बनने में समस्या आ रही है तो इस मंदिर में आकर प्रार्थना करें तो आपके वीजा जल्द ही बन जाता है।
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