गर्मी की छुट्टियों को बना सकते हैं कुछ इस अंदाज में खास, अपनाएं ये टिप्स
स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां बच्चों को अपने परिवार के साथ जुड़ने, विभिन्न गतिविधियों को करने व उनका आनंद उठाने और स्कूली सत्र के शुरू होने से पहले तरोताजा होने का मौका देती है। गर्मियों की छुट्टियां बच्चे किस तरह बिताएं इसके लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं
नई दिल्ली: स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां बच्चों को अपने परिवार के साथ जुड़ने, विभिन्न गतिविधियों को करने व उनका आनंद उठाने और स्कूली सत्र के शुरू होने से पहले तरोताजा होने का मौका देती है। गर्मियों की छुट्टियां बच्चे किस तरह बिताएं इसके लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो उन्हें इन छुट्टियों को सदुपयोग करने के बारे में बताते हैं। यूफियस लर्निग के मार्केटिंग सहायक उपाध्यक्ष विकास शर्मा और नोएडा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य इंद्रा कोहली ने यह सुझाव दिए हैं, जिसे अपनाकर बच्चे अपने परिवार के साथ छुट्टियों का आनंद ले सकते हैं।
पुराने समय की कशिश को जिंदा कीजिए: ऐसे अभिभावक जो सन् 80 या इसके पहले पैदा हुए हैं, उन्हें यह बातें याद भी होंगी और वे इससे खुद को जोड़कर देख भी पाएंगे। एक ऐसा भी समय था जब गर्मी की छुट्टियों का मतलब घंटों टीवी देखना, सेलफोन पर व्यस्त रहना और बे सिरपैर की बातों में समय खपाना नहीं होता था। वह समय किताबों की दुनिया में खोने, इंटरेक्टिव आउटडोर गेम्स खेलने, दोस्तों (पत्र-मित्रों) को खत लिखने और ऐसी ही कई सारी बातों का हुआ करता था। कितना अच्छा हो अगर आप उन तमाम एक्टिविटीज को फिर से अपने बच्चों के लिए जिंदा कर दें और उन्हें पुराने स्कूल के दिनों की छुट्टियों का अनुभव लेने का मौका दें वे तमाम एक्टिविटीज उनके लिए न केवल मजेदार साबित होंगी, बल्कि बहुत कुछ सीखने का मौका भी देंगी।
खेलों से लगाव के लिए: हम सभी 24 घंटे सातों दिन एसी द्वारा नियंत्रित महौल में रहने के आदि हो गए हैं लेकिन जरा याद कीजिये हम सभी ऐसे स्कूलों में पढ़कर बड़े हुए हैं जहां एयरकंडीशनर जैसी कोई सुविधा नहीं हुआ करती थी, इसके बावजूद हमारी इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) आज के बच्चों की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत हुआ करती थी। कोई भी व्यक्ति भरी गर्म दुपहरी में अपने बच्चे को घर से बाहर पार्क में खेलने नहीं भेजना चाहेगा, लेकिन अगर आपका बच्चा केवल इनडोर एक्टिविटीज में ही व्यस्त रहेगा तो इस बात की आशंका रहेगी की वह समाज में घुल मिल न पाए।
प्रकृति की गोद में: बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाया जाए और उन्हें प्रकृति के साथ रिश्ता बनाने में मदद की जाए। तकनीकी बाधाओं से दूर किसी नेचर कैम्प में बिताया गया एक हफ्ता बच्चों के मन में प्रकृति मां के लिए प्रेम का बीज बोने में बड़ी प्रेरणा का काम करेगा और उन्हें संतुलित व अच्छी जिंदगी जीने के लिए प्रकृति तथा पर्यावरण के महत्व को समझने का मौका भी देगा। नेचर कैम्प के अन्य फायदों में शामिल हैं। आराम करने, बांटने, खोजने और प्रकृति के बारे में ढेर सारी अद्भुत बातें सीखने के लिए मिलने वाला ढेर सारा समयए नेचर फोटोग्राफी, बर्ड वॉचिंग और इकोफ्रेंडली माहौल का आनंद लेना। पैरेंट्सए यही समय हैए अपने बच्चे को प्रकृति के करीब लाने का।