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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा बाजीराव-मस्तानी के शनिवार वाड़ा पर ये किसका है साया?

बाजीराव-मस्तानी के शनिवार वाड़ा पर ये किसका है साया?

हाल ही में रिलीज़ और हिट हुई बाजीराव मस्तानी फ़िल्म में शनिवार वाड़ा का ख़ूब ज़िक्र हुआ और दिखाया गया। ये वही हवेली है जहां बाजीराव अपनी दूसरी पत्नी मस्तानी को रखता है। ये हवेली 1730 में पुणे में मुथा नदी के तट पर पेशवा बाजीराव बल्लाल बालाजी की बहादु

pune shaniwar wada

शनिवार वाड़ा का पतन

नारायणराव चीखते रहे लेकिन गार्दी हमलावरों ने उनके टुकड़े-टुकड़े कर डाले। ये सब नज़ारा रघुनाथराव ख़ामोशी से देख रहे थे। बाद में नारायणराव के शरीर के टुकड़े नदी में फ़ेंक दिए गए। नारायणराव की हत्या के बाद रघुनाथराव और आनंदीबाई ने सत्ता और शनिवार वाड़ा हथिया लिया। बाद में पेशवा प्रशासन ने रघुनाथराव, आनंदीबाई और मुसेर सिंह गार्दी पर मुक़दमा चलाया।

आज भी शनिवार वाड़ा में सैलानियों को दिन में सिर्फ बाहर का हिस्सा देखने की इजाज़त है। रात को शनिवार वाड़ा वीरान हो जाता है। इसके बावजूद आज भी कुछ लोग नदी के किनारे रात को कैंप लगाकर शनिवार वाड़ा से नारायणराव की गुहार ‘काका! माला वाचवा’ सुनने की बांट जोते हैं।

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