rann utsav
मुझे सुकून है कि मैं अपनी इस यात्रा मे असली गुजरात को देख पा रही हूं। मेरा अगला पड़ाव है होड़का गांव जोकि धोर्ड़ो के रास्ते मे पड़ता है। इस गांव की ख़ासियत है यहां के गोल घर। मिट्टी की दीवारें और अंदर से बड़े खूबसूरत होते हैं यह घर। आप भी देखिए। एक बार यहां आकर यहां से वापस जाने का मन नही करेगा। यह लोग अपने घरों को बहुत खूबसूरती से सजाते हैं। घर की दीवारों पर, छत को सब जगह कलाकारी देखने को मिलती है।
क्यूंकि यहां की मिट्टी बंजर है इसीलिए शायद यहां के लोगों के जीवन मे रंगों का बड़ा महत्व है। इनके कपड़े बड़े कलरफुल होते हैं। रंगीन धागे, शीशा, रंगीन मोती और ऊन के बने यह वस्त्र बहुत आकर्षक हैं। भूंगों मे दिन गुज़ारने के बाद मेरी यात्रा का अंतिम पड़ाव भी आ पहुंचा है। और यह है धोर्ड़ो गांव जोकि भुज से 80 किलोमीटेर दूर है। यहां से सफेद रण शुरू होता है। यहीं पर हर साल रंण उत्सव मनाया जाता है। देखा जाए तो यहाँ कुछ भी नही है सिवाए मीलों तक फैले सफेद रंण के लेकिन यहाँ रण उत्सव मानने के लिए पूरा का पूरा टेंट सिटी बसाया जाता है। जोकि किसी स्वप्न लोक जैसा है। ठहरने के लिए वर्ल्ड क्लास टेंट्स लगाए गए हैं और यहां शुद्ध गुजराती खाने का प्रबंध किया गया है।
Latest Lifestyle News