rann utsav
मेरी इस यात्रा में ऐसे ही एक और गांव में मैंने बड़े ही खूबसूरत गोल घर देखे। इस गांव का नाम था-भरिन्डयारी, कच्छ मे कई प्रकार की कढ़ाई के नमूने देखने को मिलते हैं। कहते हैं यह कला पाकिस्तान के सिंध प्रांत से कच्छ में आई और इस सफर में राजस्थानी कला और यहां की स्थानीय कला ने इसे और समृद्ध बनाया। पहले महिलाएं अपनी बेटियों के शादी के जोड़े खुद तैयार करती थीं। आज यहां भांति-भांति की कढ़ाइयाँ देखने को मिलती हैं। जैसे खारेक, पाको, राबरी, गरासिया जात और मुतवा।
Latest Lifestyle News