हुमायुं का मकबरा
यह शानदार मकबरा भारत में मुग़ल वास्तुकला का पहला महत्वपूर्ण उदाहरण है। इसका निर्माण हुमायूं की मृत्यु के बाद 1565 ई. में उसकी ज्येष्ठ विधवा बेगा बेगम ने करवाया था। चाहरदीवारी के भीतर बने चौरस बागीचे (चाहरबाग) देखने लायक हैं नहरों के साथ बने पैदल मार्ग और बीचों-बीच स्थापित एकदम सटीक अनुपात वाले मकबरे के ऊपर दोहरे गुम्बद शोभायमान हैं। चाहरदीवारी के भीतर मुग़ल शासकों की कई कब्रें हैं और यहीं से साल 1857 में लेफ्टिनेंट हडसन ने अंतिम मुग़ल बादशाह बहादुर शाह II को गिरफ्तार किया था।
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