श्री बल्लालेश्वर मंदिर
अष्टविनायक में तीसरा मंदिर श्री बल्लालेश्वर मंदिर है। यह मंदिर मुंबई-पुणे हाइवे पर पाली से टोयन में और गोवा राजमार्ग पर नागोथाने से पहले 11 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर का नाम गणेशजी के भक्त बल्लाल के नाम पर पड़ा है। माना जाता है कि प्राचीन काल में बल्लाल नाम का एक लड़का था, जो गणेश जी का परमभक्त था। एक दिन उसने पाली गांव में विशेष पूजा का आयोजन किया। पूजन कई दिनों तक चल रहा था, पूजा में शामिल कई बच्चे घर लौटकर नहीं गए और वहीं बैठे रहे। इस कारण उन बच्चों के माता-पिता ने बल्लाल को पीटा और गणेशजी की प्रतिमा के साथ उसे भी जंगल में फेंक दिया। गंभीर हालत में बल्लाल गणेशजी के मंत्रों का जप कर रहा था। इस भक्ति से प्रसन्न होकर गणेशजी ने उसे दर्शन दिए। तब बल्लाल ने गणेशजी से आग्रह किया अब वे इसी स्थान पर निवास करें। गणपति ने आग्रह मान लिया। तभी से गणेश जी बल्लालेश्वर नाम से यहां विराजित हो गए।
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