नई दिल्ली: आज के समय में हर नदी का हाल बहुत ही ज्यादा बदतर हो गया है। हर जगह प्रदूषण के कारण पानी काला दिखने लगा है। ऐसे में हम सोचते है कि काश कोई ऐसी जगह हो जहां पानी शीशे की तरह साफ हो। अगर आप भी ऐसी जगह चाहते है तो हम आपको बताते एक ऐसी ही जगह के बारें में जहां पर पानी में नाम इस तरह नजर आती है जैसे कि शीशे पर नाव रखी हो। जी हां हम बात कर रहे है मेघालय की। जिसे देश की सबसे साफ नदी 'उमनगोत' का टैग मिला है।
शिलांग से 85 किमी दर भारत-बाग्लादेश सीमा के पास पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के दावकी कस्बे के बीच यह नदी बहती है। जिसे पहाड़ो में छिपा स्वर्ग के नाम से भी जानते है। इस नदी की सफाई यहां पर रहने वाले आदिवासी पुरखों से करते चले आ रहे है। जिसके कारण यह नदी वर्ल्ड फेमस है।
होती है हर दिन सफाई
अब आप सोचते होगे कि इसे किस तरह साफ किया जाता है कि यह इतनी साफ है। तो आपको बता दें कि इसकी सफाई रोजाना की जाती हैं।
यह नदी 3 गावों से होकर बहती है। जिसके कारण इन 3 गांव के लोगों के ऊपर ये जिम्मेदारी है। गांव में करीब 300 से ज्यादा घर है। जो कि मिलकर सफाई करते है। यदि कोई यहां गंदगी फैलाता है तो उनके ऊपर 5000 रुपए का जुर्माना होता है।
समय और पर्यटकों की संख्या के हिसाब से महीने में एक, दो या चार दिन कम्युनिटी डे के होते हैं। इस दिन गांव के हर घर से कम से कम एक व्यक्ति नदी की सफाई के लिए आता है।
इस समय होते है सबसे ज्यादा पर्टयक
इस जगह पर सबसे ज्यादा पर्यटक नवंबर से अप्रैल तक आते है। मानसून के दिनों में यहां पर बोटिंग बंद कर दी जाती है। इतना ही नहीं यहां पर एक ऐसा गांव है। जिसे एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा भी मिला है। इस गांव का नाम है 'मावलिननॉन्ग'।
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