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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा चौथ माता का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, जहां माता करती है सबकी मुराद पूरी

चौथ माता का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, जहां माता करती है सबकी मुराद पूरी

नई दिल्ली: करवा चौथ हिंदू धर्म का मुख्य त्योहारों में से एक है। शास्त्रों के अनुसार यह त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस व्रत को सुहागनें स्त्रियां रखती

इस मंदिर का दरबार बहुत ही आलीशान है जिसे देखकर आप अभिभूत हो जाएगें। 16 वीं शताब्दी में यह कस्बा चौहान राज वंश से मुक्त होकर राठौड़ वंश के अधीन आ गया। इस वंश के शासकों में भी माता के प्रति गहरी आस्था थी। तेज सिंह राठौड़ ने 1671 में मुख्य मंदिर के दक्षिण में एक तिबारा बनाया। हाड़ौती क्षेत्र के लोग हर शुभ कार्य से पहले चौथमाता को निमंत्रण देते हैं।

प्रगाढ़ आस्था के कारण बूंदी राजघराने के समय से ही इसे कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। माता के नाम पर कोटा में चौथमाता बाजार भी है। कोई संतान प्राप्ति तो कोई सुख-समृद्धि की कामना देकर चौथमाता के दर्शन को आता है। माना जाता है कि माता सभी कि मनोकामनाएं पूर्ण करती है।

अगर आप यहां जाने कि सोच रहें है तो आप कभी ङभी जा सकते है, लेकिन इस मंदिर का महत्व नवरात्र और करवा चौथ में अलग होता है। यह मंदिर लोगों की सुविधा को देखकर भी मनाया जाता है।

इस मंदिर में पहुचनें के लिए आप जयपुर जा सकते है अपनी सुविधा अनुसार यानी कि बस, ट्रेन ये प्लेन से। जिसके बाद आफ किसी भी गाड़ी से बलवारा पहुंच सकते है।

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