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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा वीकेंड में करें उदयपुर की सैर, इन जगहों पर बिल्कुल न भूलें जाना

वीकेंड में करें उदयपुर की सैर, इन जगहों पर बिल्कुल न भूलें जाना

उदयपुर राजपुताना के समय में मेवाड़ राज्य की ऐतिहासिक राजधानी है। जिसकी खोज महाराणा उदयसिंह ने की। जिनके नाम पर ही इस शहर का नाम है। यहां लेक की संख्या कुछ ज्यादा ही है। जिसके कारण इसका सिटी ऑफ लेक पड़ा। चलिए जानिए उदयपुर में कौन-कौन सी जगह है घूमने को।

Udaipur turist place- India TV Hindi Image Source : INSTRAGRAM Udaipur turist place

नई दिल्ली: बारिश का मौसम सबसे अच्छा मौसम घूमने के लिए माना जाता है। न तो आपको गर्मी की टेंशन और न ही ठंड की। बस हम हर टेंशन से निजात पाने और खुश दो शांत और सुकून के लिए ऐसी जगह सर्च करते है। जो कि आपकी पूरी थकान को वहां पहुंचते ही उतार दें। इसीलिए हम आपको एक ऐसी जगह लेकर चल रहे है। जी हां उदयपुर। जिसे 'सिटी ऑफ लेक' के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान में बसा एक शानदान शहर है।

उदयपुर राजपुताना के समय में मेवाड़ राज्य की ऐतिहासिक राजधानी है। जिसकी खोज महाराणा उदयसिंह ने की। जिनके नाम पर ही इस शहर का नाम है। यहां लेक की संख्या कुछ ज्यादा ही है। जिसके कारण इसका सिटी ऑफ लेक पड़ा। चलिए जानिए उदयपुर में कौन-कौन सी जगह है घूमने को।

सिटी पैलेस
सिटी पैलेस जिसे राजमहल के रुप में भी जाना जाता है। पिछोला झील के किनारे पर सफेद संगमर से बना यह महलप्राचीन स्थापत्य कला में रूचि रखने वालो के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह महल राजस्थान के विशाल महलों में से एक है। यह महल सुबह 9 बजे से शाम 4 चार बजे तक खुला रहता है। जिसकी इंट्री फीस भी लगती है।

लेक पैलेस
लेक पैलेस सबसे अधिक पसंदिदा स्थलों में से एक है। लेक पैलेस को 'जल महल' के नाम से भी जाना जाता है। यह खुबसूरत भव्य महल पिछोला झील के मध्य में स्थित एक टापू बना हुआ है। जिसके चारो ओर झील का जल रहता है। जिसके कारण इसे लेक पैलेस या जल महल के नाम से संबोधित किया जाता है। इस खुबसूरत जल महल का निर्माण महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने सन् 1754 में करवाया था। सन् 1950 में इस महल को एक पांच सितारा होटल में परिवर्तित कर दिया गया था। तब से आज तक यह सुंदर महल एक होटल के रूप में स्थित है। इस महल की दिवारो पर सुंदर चित्रकारी की गई है। इस महल तक पहुंचने के लिए मोटर बोट व नाव आदि की सुविधा हर समय उपलब्ध रहती है। चांद की रोशनी में यह महल झील के मध्य बहुत सुंदर दिखाई पडता है।

सहेलियों की बाड़ी
फतेह सागर झील के पास बने इस बाग में सुंदर सुंदरपेड पौधे और संगीतमय फव्वारे अत्यंत मनोहाररी दृश्य प्रस्तुत करते है। इस बाग का निर्माण उदयपुर के महाराजा ने अपने परिवार की महिलाओं के मनोरंजन के लिए करवाया था। यह स्थल सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

जग मंदिर
यह मंदिर पिछोला नदी के किनारे बना हुआ है। इसे 'लेक गार्डन पैलेस' के नाम से भी जाना जाता है। महाराणा अमर सिंह ने इसे बनवाया शुरु किया था। जोसे महाराणा कर्ण से काम कराया। महाराणा जगत सिंह प्रथम ने इसका कनिर्माण कार्य पूरा किया।

मानसून पैलेस
इसे सज्जनगढ़ पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। यहां बहुत ही खूबसूरती आपको नजर आएगी। यह जयपुर की सबसे ऊंची इमरत में से एक मानी जाती है। इसके पीछे बनवाने की वजह थी कि मानसून के बादलों को सबसे करीब से देखा जा सकते। यह करीब  132 साल पुराना है।

गुलाब बाग
उदयपुर दर्शनीय स्थल में यह गार्डन बहुत प्रसिद्ध है। इस विशाल पार्क की स्थापना महाराणा सज्जन सिंह ने सन् 1881 में की थी। यह पार्क बच्चो के लिए तो स्वर्ग जैसा है। क्योकि यहा बच्चो के मनोरंजन के लिए टॉय ट्रैन, झूले, और एक छोटा सा चिडियाघर भी है। टॉय ट्रैन की सवारी का बच्चे खूब आनंद उठाते है। टॉय ट्रैन बच्चो को पूरे पार्क की सैर कराती है।

फतेह सिगर झील
फतेह सागर झील उदयपुर दर्शनीय स्थल में सबसे खुबसूरत स्थान है। यहा चेतक सर्कल से होते हुए सीधा यहा पहुंचा जा सकता है। इस झील की लंबी सर्पीली चिकनी सडक पर सैर करने का अपना अलग ही मजा है। यहा सैलिनी वोटिंग का भी आनंद उठा सकते है।

महाराणा प्रताप स्मारक
महाराणा प्रताप के इस स्मारक को मोती मागरी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऊंचे हरे भरे टिले पर स्थित है। जिसपे पहुंचने के लिए सड़क और सीढियो का इस्तेमाल किया जाता है। महाराणा प्रताप का यह स्मारक काफी सुदर है और देखने योग्य है।

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